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जाते – जाते साल का सवाल: मध्य प्रदेश में ही उपद्रव क्यों ?

 साल 2020 यू तो कोरोनाकाल के लिए जाना जाएगा , लेकिन साल के जाते जाते दंगाइयों ने एक बार फिर दहशत का कारोबार करने में कसर नहीं छोड़ी। मामला मध्यप्रदेश का है। जहा इंदौर जिले में मंदिर निर्माण के लिए रैली के दौरान दो सम्प्रदायों में झड़प हो गयी। झड़प बाद में पत्थरबाजी में तब्दील हो गयी। एक भीड़ का निशाना दूसरे सम्प्रदाय के लोग बने। हालाँकि पुलिस ने समय पर हालात पर काबू कर लिया। पूर्व न्यायधीश दीपक गुप्ता ने इसपर दंगाइयों को आड़े हाथो लिया है और कहा है कि यह उपद्रव कानून के साथ खिलवाड़ है। उपदर्वियों ने दो दिन पहले ही नहीं बल्कि एक सप्ताह पहले उज्जैन में भी ऐसा ही एक दुस्साहस किया था। जिसमे पुलिस और प्रशासन की लापरवाही भी सामने आ रही है। फिलहाल सवाल यह है कि आखिर मध्य प्रदेश में ही बार – बार उपद्रव क्यों किए जा रहे है। कही यह कोई साम्प्रदायिक साजिश का हिस्सा तो नहीं ?

मध्यप्रदेश के इंदौर जिले की देपालपुर तहसील के चांदनखेड़ी ग्रामीण क्षेत्र में दो दिन पहले राम मंदिर के समर्थन में रैली निकाली जा रही थी। बताया जा रहा है कि मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह कर रहे राम भक्तों की मुसलिम समाज के लोगों के साथ पहले आपसी कहासुनी हुई जो बाद में झड़प में बदल गई। झड़प ने बाद में मारपीट और पथराव का रूप धर लिया। पत्थरबाजी में दोनों समुदाय के दो दर्जन से ज्यादा लोग ज़ख्म़ी हो गए। बताया गया है कि रैली के दौरान पुलिस भी मौजूद थी। लेकिन विवाद के वक्त पुलिस की संख्या कम पड़ गई। सूचना मिलते ही इंदौर से अतिरिक्त बल मौके पर भेजा गया। हालात को काबू में करने के साथ ही पुलिस ने मामले की छानबीन के बाद कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया।

राम मंदिर निर्माण निधि संग्रह की रैली पर पथराव के मामले में  एक आरोपित की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी। वहीं पत्थर फेंकने वाली एक आरोपित हीना को पुलिस तलाश कर रही है। हीना अब तक फरार है। पुलिस ने मामले में अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार कर उनके 5 लोगों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई कर चुकी है। पुलिस ने बताया कि राम मंदिर निर्माण को लेकर हिंदूवादी संगठनों द्वारा रैली निकाली गई थी। इस पर बेगमबाग क्षेत्र में पथराव किया गया था। मामले में पुलिस व प्रशासन ने उस घर को तोड़ दिया था, जिससे पत्थर फेंके गए थे। इसके अलावा 12 नामजद लोगों के अलावा कुल 36 लोगों को आरोपित बनाया गया ।

याद रहे कि इंदौर से पहले इसी तरह की घटना बीते 25 दिसंबर को उज्जैन में हुई थी। उज्जैन में भी राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा एकत्र करने के उद्देश्य को लेकर हिंदू संगठन रैली निकाल रहे थे। रैली टावर चौक से होती हुई महाकाल क्षेत्र स्थित भारत माता मंदिर पहुंच रही थी, तभी बेगम बाग कालोनी क्षेत्र में कुछ असामाजिक तत्वों ने रैली पर पथराव कर दिया था। पत्थरबाजी करने वालों में महिलाएं भी शामिल रही थीं।

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