पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अक्सर हर मसले पर मोदी सरकार को घेरती रही हैं। सियासी मोर्चे पर वे लगातार केंद्र सरकार के फैसलों पर हमला बोलती रही है। राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि अब वे प्रधानमंत्री से जो मुलाक़ात कर रही है उसके पीछे भी सियासत ही है। वे प्रधानमंत्री से राज्य की समस्याओं पर बात करने के साथ ही विकास के लिए पर्याप्त पैकेज के मांग कर सकती है ,जिसके मिलने पर या न मिलने पर उन्हें राज्य में सियासत करने का मौका मिल जाएगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज दिल्ली दौरे पर हैं और यहां वो आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाली हैं। माना जा रहा है कि यह मुलाकात शाम साढ़े चार बजे साउथ ब्लॉक स्थित पीएम के दफ्तर में होगी।
ममता बनर्जी ने बताया कि इस मुलाकात में राज्य को मिलने वाला कोष उनके लिेए सबसे अहम मुद्दा है। इसके अलावा वो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय जैसे मुद्दों पर भी बात करेंगी। पश्चिम बंगाल के नाम को बदलने पर भी ममता बनर्जी बात करने वाली हैं। साथ ही संकट से जूझ रहे एयर इंडिया, बीएसएनएल और रेलवे का मुद्दा भी वो प्रधानमंत्री के सामने उठाने वाली हैं। पीएम मोदी के 2019 में दोबारा सत्ता में आने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात होगी। पिछले 2 साल से ज्यादा समय के भीतर ममता की मोदी से कोई मुलाकात नहीं हुई है।
‘‘मैं अमूमन दिल्ली नहीं जाती हूं। मैं कहीं भी इसलिए नहीं जाती हूं, क्योंकि यहां पर मेरे पर कुछ जिम्मेदारियां हैं। हमें कुछ प्रशासनिक कारणों से नयी दिल्ली जाना पड़ रहा है, क्योंकि यह राजधानी है और वहीं पर संसद है, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री वहीं रहते हैं। इसलिए हमें वहां जाने की जरूरत है। यह नियमित काम का हिस्सा है। ’-तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी
बनर्जी ने कहा, ‘‘इस बार मैं उस पैसे के बारे में बात करने जा रही हूं जो पश्चिम बंगाल को मिलना चाहिए। मैं पश्चिम बंगाल का नाम बदलने जैसे मुद्दे भी उठाऊंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संकट से जूझ रहे एयर इंडिया, बीएसएनएल और रेलवे का मुद्दा, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय जैसे मुद्दों को उठाएंगी। इन लोगों (इन संगठनों के कर्मचारी) की सुनवाई जब कहीं नहीं हुई तो वे हमारे पास आए।”
ममता बनर्जी की मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब सत्तारूढ़ टीएमसी के कई नेता और कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार शारदा पोंजी घोटाला मामले में सीबीआई जांच के घेरे में हैं। गौरतलब है कि शारदा समूह की कंपनियों ने लाखों लोगों को उनके निवेश पर ज्यादा लाभ का वादा करते हुए 2500 करोड़ रुपये की जालसाजी की। इसी बीच विपक्षी पार्टियां ये आरोप लगा रही है कि राजीव कुमार को जब सीबीआई का शिकंजा कस रहा है तब सीएम ने पीएम से मिलने का समय मांगा है।