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बरेली में जिस पुलिस की हुई पिटाई आज वह खाना खिलाने आई

बरेली में जिस पुलिस की हुई पिटाई आज वह खाना खिलाने आई

उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद के थाना इज्जत नगर का यह वही गांव करमपुर चौधरी है जहां 4 दिन पहले पुलिस और पब्लिक का आपस में विवाद हुआ था और मामला मार पिटाई तक जा पहुंचा था। यही नहीं बल्कि पुलिस ने ग्रामीणों पर उस समय लाठीचार्ज कर दिया था जब करमपुर चौधरी के गांव के लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया था। पुलिस इस गांव में दो जमातियों की तलाश में छापे मारने गई थी। ग्रामीणों के 400 लोगों के जत्थे ने पुलिस चौकी पर आग लगाने का प्रयास किया था। यही नहीं बल्कि बरेली के एक एसपी को इस उपद्रव में चोटे भी आई थी। उसके बाद पुलिस में गांव में उपद्रवियों की धरपकड़ की थी और 44 लोगों पर एफ आई आर दर्ज हुई थी।

तब पुलिस का खौफनाक रूप देखकर करमपुर चौधरी गांव के लोग घरों को छोड़कर भागना पड़ा था। हालात यह हो गए थे की घरों में केवल महिलाएं ही रह रही थी। जबकि पुरुष गांव से पूरी तरह पलायन कर गए थे। ऐसे में गांव में मौजूद महिला और बच्चों के बीच 4 दिन बाद पुलिस पहुंची। पुलिस ने माइक के जरिए सभी गांव वालों को सूचित किया और कहा कि वह घबराए नहीं बल्कि घरों से बाहर आए और भूखे लोग खाना खाए।

हुआ यूं था कि 4 दिन पहले जब पब्लिक और पुलिस में आपस में पत्थरबाजी और लठ बाजी हुई थी तो गांव के अधिकतर लोग गांव छोड़कर भाग खड़े हुए थे। तब से ज्यादातर घरों में चूल्हे तक नहीं चले थे। क्योंकि पुरुष ही महिला और बच्चों को रोजी-रोटी का इंतजाम करते थे और वही पुलिस के डर से गांव छोड़कर पलायन कर चुके थे।

ऐसे में जब पुलिस को पता चला कि करमपुर चौधरी के अधिकतर घरों में खाना नहीं बना है तो पुलिस खुद खाना बना कर लाई और उन घरों में गई जहां के बच्चे कई दिनों से भूखे थे। इस तरह 4 दिन पहले जो पुलिस लोगों पर लाठीचार्ज कर रही थी वह आज उनके लिए किसी देवदूत से कम नहीं थी। भूखे को रोटी देना दुनिया का सबसे बड़ा पुण्य है। और यह पूण्य करती हुई आज पुलिस करमपुर चौधरी गांव में दिखाई दी।

इज्जत नगर थाने के इंस्पेक्टर केके शर्मा बकायदा लाउडस्पीकर से घोषणा कर रहे थे कि जो लोग भूखे हैं वह बाहर आए और खाना खाए। यही नहीं बल्कि पुलिसकर्मी लोगों को अपनी गाड़ी में से निकाल कर खाने के पैकेट दे रहे थे। इसी के साथ ही इंस्पेक्टर केके शर्मा ने यह भी घोषणा की थी कि सभी लोग घरों से निकलकर अपने अपने खेतों में जाएं और फसल कटाई करें। साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग बेकसूर है उन पर पुलिस कोई एक्शन नहीं लेगी। उनको गांव में बुला लिया जाए और खेतों में कटाई की जाए ।

गौरतलब है कि किसानों की पिछले 6 महीने की मेहनत की कमाई खेतों में खड़ी हुई है। यह फसल गेहूं की है, जो फिलहाल पक कर तैयार है। यह फसल काट कर फिर उसके बाद उसे घर लाया जाता है। लेकिन इस काम के लिए घर का मुखिया जरूरी होता है। जबकि घर के मुखिया यानी कि पुरुष पुलिस के डर से गांव से पलायन कर गए है। आज पुलिस द्वारा उद्घोषणा करने से लोगों में पुलिस के प्रति खौफ कम हुआ है। कहा जा रहा है कि बहुत से लोगों ने पुलिसकर्मियों के हाथों से खाना भी लिया और खेतों में भी गए।

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