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जिन अफसरों का अपने विभागों में था रोब-दाब, अब वे ही भागते फिर रहे

योगी आदित्यनाथ के घर को बम से उड़ाने की धमकी के बाद बढ़ाई गई सुरक्षा

अक्सर लोग पावर और सत्ता के नशे में चूर होकर यह भूल जाते हैं कि उनके द्दारा किए गए बुरे कामों का नतीजा उन्हें आज नहीं तो कल जरुर ले डूबेगा। परंतु साहेब पावर और सत्ता का नशा ही कुछ ऐसा है कि आदमी को आदमी नहीं रहने देता। यूपी में इस वक्त दो आईपीएस रैंक के अधिकारी वांटेड हैं। एक का नाम है अरविन्द सेन और दूसरे का नाम है मणिलाल पाटीदार। अरविन्द 2003 बैच के आईपीएम अधिकारी है और डीआईजी रैंक तक पहुंचे। मणिलाल पाटीदार 2014 बैंच के आईपीएस अधिकारी हैं। और महोबा के एसपी के पद पर तैनात थे।

लेकिन अब दोनो अधिकारी अपने ही विभाग के अधिकारियों को देखकर भाग रहे हैं।
आईपीएस अरविन्द को योगी सरकार ने 22 अगस्त को निलबिंत कर दिया था। उन पर आरोप हैं कि उन्होंने पशुपालन विभाग के टेंडर में ठगी की हैं। जब मामले की जांच एसटीएफ टीम ने की तो वह दोषी पाए गए। उनके खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में 13 जून को मुकदमा दर्ज हुआ हैं। अरविन्द सेन ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया था।  अब फरार हैं। पूर्व सांसद स्व. मित्रसेन अरविन्द सेन के पिता है।

दूसरे आईपीएस मणिलाल पाटीदार महोबा के क्रेशऱ कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी के वायरल वीडियों से विवादों में आए थे उसके बाद और भी कई मामलो मे जकड़े गए। 10 सितंबर को मणिलाल पाटीदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। लखनऊ की भ्रष्टाचार निवारण अदालत ने उनके खिलाफ वारंट जारी कर रखा हैं।  एसआईटी ने मणिलाल पाटीदार को इंद्रकात को आत्महत्या के लिए मजबूर करने और भ्रष्टाचार के लिए दोषी पाया हैं। इन दोनों मामलों पर एक कहावत बिल्कुल सटीक बैठती हैं सौ दिन चोर के एक दिन साध का। फिलहाल दोनों पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। विभागीय अधिकारी दोनों गृह नगरों में छापेमारी कर रही हैं।

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