देश में कुछ दिन पहले तक यह कहा जा रहा था कि,कोरोना का प्रभाव लगभग खत्म हो गया है लेकिन कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगा है। 19 अक्टूबर को लगभग कोरोना के 1,946 नए मामले सामने आए हैं। जबकि,इससे एक दिन पहले यानी 18 अक्टूबर को लगभग 1,542 मामले सामने आए थे।सिर्फ 24 घंटे में ही कोरोना के नए मामले 26% से ज्यादा बढ़ गए हैं।
दिवाली से पहले कोरोना के नए वैरिएंट्स की देश में एंट्री से टेंशन बढ़ा दी है। दो साल पहले इसी समय कोरोना हावी रहा था। जिसके बाद थोड़ी रहत भी मिली थी लेकि अब एक बार फिर से मामले बढ़ने के बाद खतरा भी बढ़ने लगा है। इसकी सबसे बड़ी वजह दीवाली पर उमड़ रही भीड़ है। इस दौरान बिना मास्क के लोग खरीदारी कर रहे है। इसको देखते हुए एक्सपर्ट ने मास्क पहनने की सलाह दी है। एक्सपर्ट का कहना है कि अभी खतरा नहीं है,लेकिन बाहर निकल रहे हैं तो मास्क पहनकर ही निकलें।इसके अलावा ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट्स को इसका जिम्मेदार माना जा रहा है। क्योंकि कुछ दिन पहले पुणे में ओमीक्रोन वेरिएंट के सब वेरिएंट BQ.1 का मामला सामने आया था। इससे पहले गुजरात में BF.7 वेरिएंट मिला था। इस पर वैज्ञानिकों का कहना है कि BQ.1 और BF.7 दोनों में म्यूटेशन होता है जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर सकता है। BA.5 भारत में कोविड के 5% से कम मामलों के लिए वहीं Omicron के अन्य वेरिएंट BA.2 और इसके सब वेरिएंट से BA.2.75 की वजह से कोरोना के मामले कहीं अधिक बढे है। इसके अलावा यह भी कहा कि लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि नए वैरिएंट्स ओमिक्रॉन के दूसरे सब-वैरिएंट जैसे BA.2.75 के मुकाबले ज्यादा संक्रामक है। इतना ही नहीं, इन वैरिएंट्स में इम्यूनिटी को चकमा देने की क्षमता भी है।
इस पर खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बैठक भी की है। इसके बाद अधिकारियों ने कहा कि, इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द नए वैरिएंट का पता लगाया जाए। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि इस बैठक में तय किया गया है कि मास्क पहनना और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जारी रहना चाहिए।