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शिक्षक भर्ती घोटाले में बढ़ती जा रही टीएमसी नेताओं की फेरिस्त

पिछले कुछ समय से टीएमसी नेताओं पर शिक्षक भर्ती घोटाला ,मवेशी तस्करी घोटालों के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।ईडी लगातार इन मामलों को लेकर जांच कर रही हैं । पार्थ चटर्जी के बाद अब अनुब्रत मंडल का नाम भी सामने आ रहा है। उन पर ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने
अवैध तरीके से अपने 6 करीबियों भर्ती कराई थी।

 

इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के एकल पीठ मे अनुब्रत मंडल के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। दायर की गई याचिका में कहा गया है कि टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल ने अपनी बेटी ,भतीजे ,भाई समेत निजी सहायक कुल 6 लोगों को शिक्षक नौकरी की दिलवाई है। इन लोगों द्वारा शिक्षक बनने के लिए कोई टेस्ट या परीक्षा पास नहीं किया गया है।

हाईकोर्ट ने इन लोगों को परीक्षा प्रमाण पत्र लेकर उपस्थित होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि हाजिर नहीं होने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बीरभूम के पुलिस अधीक्षक को अदालत में उनकी हाजिरी सुनिश्चित करने का कड़ा निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने कहा है कि यदि टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल कोर्ट में नहीं उपस्थित होते तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।

टीएमसी नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने वाले फिरदौस शमीम के अनुसार ” अणुव्रत द्वारा अपनी बेटी सुकन्या को बिना शिक्षा परीक्षा पास किये शिक्षक की नौकरी दिलवाई गई है। उन्हें ए बोलपुर के कालिकापुर प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षिका के तौर पर नियुक्ति किया गया । खबरों के मुताबिक एक दिन भी बच्चों को पढ़ाने के लिए वे विद्यालय नहीं पहुँची । सुकन्या के हस्ताक्षर के लिए रजिस्टर घर लाया जाता था। कोर्ट ने उन्हें भी न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय ने कहा है “अगर कोई उक्त निर्देश के अनुरूप पेश नहीं होता तो अदालत उनके खिलाफ कड़े कदम उठाने में संकोच नहीं करेगी।

अणुव्रत मंडल पर मवेशी तस्करी के भी आरोप

अवैध तरीके से अपने करीबियों को शिक्षक नौकरी दिलवाने के आरोप में घिरे अणुव्रत मंडल मवेशी तस्करी के आरोप से भी जूझ रहे है।
सीबीआई ने इसी संबंध में मंडल को बोलपुर में उनके ही घर से पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था । उन्होंने अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए कई बार सीबीआई के समन को नजरअंदाज किया था। यही नहीं सीबीआई ने उनपर और उनके परिवार पर जमा की गई राशि में से 16.97 करोड़ रुपये को निकालने पर रोक लगा दी है। उन पर ये भी आरोप लगाए जा रहे है कि घोटालों के लिए मंडल ने अपने बेटी का कई खातों का इस्तेमाल लेनदेन के लिए किया है।

पदों का गलत इस्तेमाल कर रहे टीएमसी नेता

टीएमसी के नेताओं का इस तरह के मामलों में लगातार शामिल होना पार्टी को कमजोर बना रहा है। इससे पश्चिम बंगाल पर उन की पकड़ आने वाले समय में ढीली पड़ सकती है। बीते महीने बीजेपी नेता शुभेंदु ने टीएमसी पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनके मुताबिक पश्चिम बंगाल शिक्षक नियुक्ति घोटाले मामले में बंगाल टीएमसी के तकरीबन 100 विधायक और सैकड़ों टीएमसी नेता जुड़े हैं, मुख्यंमत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर पार्थ चटर्जी शिक्षकों की नियुक्ति में धांधली करते है ।

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