ग्रेटर हैदराबाद में हुए नगर निगम चुनाव के नतीजे 4 दिसंबर को आ गए हैं। टीआरएस एक बार फिर नगर निगम चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में ऊभरी है। बीजेपी इस बार दूसरे नंबर पर और असदुद्दीन औवेसी की एआईएमआईएम तीसरे नंबर पर रही है। कांग्रेस ने तेलगु देशम पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन कोई ज्यादा सफलता हासिल नहीं कर पाई, उसे केवल दो सीटें मिली। अभी तक 149 सीटों के नतीजे सामने आए हैं, क्योंकि एक सीट पर चुनाव चिन्ह को लेकर विवाद हो गया था। कांग्रेस की दो सीटें आने के बाद कांग्रेस प्रदेश समिति के अध्यक्ष एन उत्तम रेड्डी ने इस्तीफा दे दिया।
इस बार असदुद्दीन औवेसी की पार्टी ने 51 सीटों पर चुनाव लड़ा था, और 44 सीटें जीती। के चद्रशेखर राव की पार्टी ने 150 सीटों पर चुनाव लड़ा और 56 सीटें जीती। वहीं चुनाव प्रचार को रोचक और चोचक बनाने वाली भाजपा ने इस चुनाव से पूरे देश का ध्यान हैदराबाद के नगर निगम चुनाव पर लगा दिया था। भाजपा को नगर निगम चुनाव में 48 सीटें मिली। पिछले चुनाव में भाजपा के केवल 4 सीटें ही मिली थी। लेकिन इस बार उन्होंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि असदुद्दीन औवेसी को इन चुनावों को किंग मेकर कहा जा रहा है। क्योंकि उन्होंने कुल 51 सीटों पर चुनाव लड़ा था और जिनमें से उन्होंने 44 सीटें जीत ली है। अ्ब हैदराबाद नगर निगम का मेयर और डिप्टी मेयर कौन होगा, यह तो गठबंधन के बाद ही पता चलेगा। भाजपा के लिए यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण था, क्योंकि वह तेलगांना में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी अच्छी पकड़ बना सकती है। इन चुनाव में अगर सबसे ज्यादा नुकसान हुआ तो वह टीआरएस को हुआ है। क्योंकि पिछले चुनाव में उन्होंने 99 सीटें जीती थी। इस बार उसे काफी ज्यादा सीटों का नुकसान हुआ है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि टीआरएस के वोट कटकर भाजपा की तरफ ट्रांसफर हुए हैं।
यह चुनाव टीआरएस, एआईएमआईएम और भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया था। तेलगांना में विधानसभा की 119 सीटें हैं भाजपा के पास 2 विधायक, वहीं लोकसभा की 17 सीटें है और चार सांसद है। चुनाव को जीतने के लिए बीजेपी ने इस बार एडी-चोटी का जोर लगाया था। स्टार प्रचारकों को चुनाव प्रचार के लिए बुलाया गया था। भाजपा ने इस चुनाव की रणनीति बिहार के चुनावों में जीत दिलाने वाले भूपेंद्र यादव के कंधों पर रखी हुई थी। चुनाव प्रचार में भाजपा ने दिग्गज नेताओं को उतारा था। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री और भाजपा के स्टार प्रचारकों में सबसे पंसदीदा चेहरा योगी आदित्यनाथ ने रोड शो् के जरिये जनता को लुभाने का प्रयास किया था। जो बीजेपी के लिए लाभदायक भी सिद्ध हुआ। चुनाव प्रचार स्थानीय मुद्दों को छोड़कर राष्ट्रीय मुद्दों पर जा पहुंचा था।
पंरतु इन चुनावों में असदुद्दीन औवेसी ने अपनी चादर के अनुसार ही पैर पसारे। औवेसी ने डोर टू डोर जाकर जनता से वोटों की अपील की, वह अपने भाषण को स्थानीय मुद्दों से उठाते और अंत में जाकर पीएम मोदी पर निशाना साधते थे। औवेसी अब पूरे देश में अपनी पार्टी के पैर पसारने में जुटे हुए है। बिहार में पूर्वांचल में मिली पांच सीट के बाद औवेसी मुस्लमानों के नए मसीहा के तौर पर सामने आए है। अब वह बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियों में जुटे हुए है। इस बात का ऐलान उन्होंने बिहार चुनाव में पांच सीट जीतने के बाद कर दिया था कि वह यूपी, बिहार चुनाव में भी अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को उतारेंगे।
एक समय था जब पूरे देश में कांग्रेस का राज हुआ करता था। चाहे वह पंचायत चुनाव हो, नगर निगम, विधानसभा या लोकसभा हो। पंरतु 2014 के बाद कांग्रेस कुछ ही राज्यों में सिमटकर रह गई है। कांग्रेस देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है जो बीजेपी को टक्कर देती है लेकिन अब वह सिर्फ चुनाव लड़ती, जीतने के लिए नहीं, बस नाम दर्ज करने के लिए। बीजेपी आज भारत की सबसे बड़ी पार्टी है चाहे तो वह प्रचार छो्ड़कर आराम से बैठ सकती है लेकिन आज भी बीजेपी नेता ग्राउंड में जाकर आमजन लोगों से मिलते हैं, और अपना प्रसार करते हैं। लेकिन कांग्रेस नेता अब सिर्फ ट्वीट ही करते है आमजन लोगों से मिलने की बात नहीं करते। और शायद यहीं वजह है कि कांग्रेस हर राज्य में पिछड रही है और बीजेपी अपना प्रचम लहरा रही है।
Gratitude to the people of Telangana for reposing faith in PM @NarendraModi led BJP’s Politics of Development.
Congratulations to Shri @JPNadda ji and Shri @bandisanjay_bjp for BJP’s astounding performance in GHMC.
I applaud the hard work of our karyakartas of @BJP4Telangana.
— Amit Shah (@AmitShah) December 4, 2020
हैदराबाद चुनाव में 48 सीटें जीतने के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने तेलगांना के बीजेपी कार्यकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा “कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति विश्वास जताने के लिए तेलंगाना के लोगों का आभार। मैं अपने कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत की सराहना करता हूं।” बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी ने नड्डा ने भी ट्वीट कर कहा कि “इससे तेलंगाना में साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजे को समझा जा सकता है।”
वहीं 51 में से 44 सीटें जीतने के बाद औवेसी ने कार्यकर्ताओं को बधाई दी। औवेसी ने प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि उन्होंने बीजेपी के दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनने पर कहा कि इनके बढ़ते हुए क़दम को तेलंगाना की जनता आने वाले वक़्त में रोकेगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी की कामयाबी सिर्फ़ अस्थाई कामयाबी है, तेलंगाना में 2023 में जब विधानसभा चुनाव होंगे तब इस पर उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिलेगी। ओवैसी ने कहा कि उनकी एआईएमआईएम पार्टी ने बहुत मेहनत की, हैदराबाद की जनता ने उनमें विश्वास दिखाया है और हैदराबाद की सीटों पर कोई नहीं जीत पाया है। उन्होंने कहा कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के हैदराबाद संसदीय क्षेत्र में 44 वॉर्ड हैं जिसमें 34 सीटों पर उनकी पार्टी ने चुनाव लड़ा और 33 सीटों पर जीत दर्ज की। मेयर और डिप्टी मेयर के लिए क्या वो टीआरएस को समर्थन देंगे या नहीं। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि वो पार्टी पदाधिकारियों और वार्ड काउंसलर से बातचीत करके इस पर फैसला लेंगे।
"भाग्यनगर" का भाग्योदय प्रारंभ हो रहा है…
हैदराबाद के निकाय चुनावों में भाजपा एवं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व पर अभूतपूर्व विश्वास जताने के लिए "भाग्यनगर" की जनता का कोटि-कोटि धन्यवाद।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 4, 2020
चुनाव प्रचार के दौरान योगी के उस बयान ने पूरे देश की मीडिया की सुर्खियां बटोरी, जब उन्होंने हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने की बात कही। परिणामों के बाद योगी ने ट्वीट कर कहा कि “भाग्यनगर” का भाग्योदय प्रारंभ हो रहा है। हैदराबाद के निकाय चुनावों में भाजपा एवं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व पर अभूतपूर्व विश्वास जताने के लिए “भाग्यनगर” की जनता का कोटि-कोटि धन्यवाद।”