दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और राजधानी की शिक्षा में आमूल चूल परिवर्तन करने वाले मनीष शिसोदिया ने इस बार उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे के दौरान सर्द वादियों में चुनावी सुगबुगाहट की गरमाहट फैला दी। देवभूमि उत्तराखंड में स्थापित राजनीतिक पार्टियों के बजाय आम आदमी पार्टी ने यहां हुंकार भरी है। इसी के साथ ही पार्टी ने अगले चुनावों में पूरे दमखम के साथ सभी 70 सीटों में चुनाव लड़ने का दावा कर सत्तासीन भाजपा की धड़कने बढ़ा दी है।
आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में दिल्ली मॉडल के सहारे अपनी सरकार लाने की डगर भरी है। इस डगर में आप के लिए मनीष शिसोदिया का दो दिवसीय दौरे ने कार्यकर्ताओ में जान डालने का काम किया। इस दौरान मनीष शिसोदिया ने उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार को खुला चैलेंज भी दे दिया। साथ ही मनीष ने भाजपा सरकार को शिक्षा और चिकित्सा पर भी जमकर घेरा।
उत्तराखंड की राजनीति पर नज़र रखने वाले लोगों का कहना है कि आम आदमी पार्टी के आने से यहां राजनीति के समीकरण बदल सकते हैं। इसी सिलसिले में बीते हफ़्ते के आख़िर में पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया संगठन को मजबूती देने अपने दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर रहे।
सत्तारूढ़ त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार पर हमलावर होते हुए मनीष शिसोदिया ने प्रवेश द्वार हल्द्वानी में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि मैं चुनौती देते हुए कहता हूं कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी के पास ऐसी पांच चीजें नहीं हैं जिन्हें लेकर वे कह सकें कि मैंने उत्तराखंड की जनता के लिए की हैं और जिसकी वजह से उत्तराखंड के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है।
मनीष सिसोदिया ने उत्तराखंड बीजेपी सरकार की घेराबंदी करते हुए कहा कि जीरो टॉलरेंस नहीं बल्कि जीरो वर्क सरकार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड में भाजपा कांग्रेस ने पिछले 20 सालों में जनता को लूटा है। उन्होंने त्रिवेंद्र सरकार को एक बार फिर खुली बहस की चुनौती देते हुए कहा कि वो ऐसे कोई पांच काम गिनाएं जो पिछले चार साल में उन्होंने उत्तराखंड की जनता के हित में किए हो।
इसके अलावा मनीष शिसोदिया ने उत्तराखंड के पलायन पर चिंता जताते हुए यहां के स्वास्थ्य,शिक्षा, और बेरोजगारी पर चिंता व्यक्त की। त्रिवेंद्र सरकार के काम को लेकर,उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, त्रिवेंद्र सरकार ने, अपने ड्रीम प्रोजेक्ट सूर्य धार के पास पहले तो ज़मीन नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के परिवारों को चली गई फिर सरकारी खर्चे पर ,उसका डेवलपमेंट करके लेक बना दी और जिसके बाद वहां के ज़मीनों का लाभ वो लोग ले रहे हैं।