देश की राजधानी दिल्ली प्रदूषण का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है,बल्कि बढ़ता ही जा रहा है।दिल्ली में जिस हवा की गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स को 50 पर होना चाहिए था वो आज 485 तक पहुंच गया है।इस बीच दिल्ली सरकार ने राजधानी में बच्चों की स्कूलें बंद कर दी है।दिल्ली में 5 नवंबर से प्राइमरी स्कूल बंद होंगे।इसके अलावा कक्षा 5वीं के ऊपर की क्लासेज के लिए आउटडोर एक्टिविटी पर रोक लगा दी गई है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली में जरूरत पड़ने पर ऑड-ईवन नियम भी लागू किया जा सकता है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के अंतिम चरण के तहत प्रदूषणकारी गतिविधियों पर अंकुश लगाने पर चर्चा के लिए आज एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है।राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने 2 नवंबर को दिल्ली सरकार से राजधानी में हवा की गुणवत्ता में सुधार होने तक स्कूल बंद रखने को कहा था।दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह समय आरोप प्रत्यारोप और एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराने का नहीं है।
दिल्ली को लेकर पहले ही वायु गुणवत्ता, मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली ने खुलासा किया कि दिल्ली के 2.3 पीएम प्रदूषण में 34 प्रतिशत पराली जलाने का योगदान है। शहर के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई 472 पर पहुंच गया है। नोएडा में एक्यूआई 562 दर्ज किया गया है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च इंडिया द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार गुरुग्राम में तो एक्यूआई 539 पर पहुंच गया है। दिल्ली में सबसे अधिक प्रदूषित इलाका उत्तरी दिल्ली है जहां सभी स्टेशनों पर एक्यूआई 400 से ऊपर दर्ज किया गया है। मध्य दिल्ली में मंदिर मार्ग जैसे कुछ स्टेशनों को छोड़कर राजधानी के अधिकांश स्टेशनों पर एक्यूआई 300 से ऊपर रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 0 से 100 तक अच्छा माना जाता है।100 से 200 को मध्य, 200 से 300 तक खराब, और 300 से 400 तक बहुत खराब और 400 से 500 तक गंभीर श्रेणी में माना जाता है। हालांकि पूर्वानुमान के अनुसार दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता की स्थिति आज और कल खराब रहने वाली है। 5 नवंबर के बाद इसमें सुधार की उम्मीद है।
गौरतलब है कि, दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने से लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं लोगों में धुंध और वायु प्रदूषण के कारण घुटने और आंख जलने की समस्या उत्पन्न हो रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने प्रदूषण को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने लिखा है कि आपसे अनुरोध है कि पंजाब में जल रही पराली को नियंत्रित करने के लिए तत्काल और ठोस उपाय करें, जिससे राष्ट्रीय राजधानी को एक बार फिर से गैस चैंबर में बदल दिया है,जिसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। क्योंकि केंद्र सरकार और राज्य सरकार जो नीतियां लेकर आती है। उसका उसे सही तरीके से लागू नहीं कर पाती है। पिछले साल वर्ल्ड एयर क्वालिटी ने अपनी रिपोर्ट में प्रदूषित राजधानी बताया था, जो इस साल भी जारी है।