कोरोना वायरस के करण देश के पूरे 21 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है। यानी 14 अप्रैल तक कोई भी जरूरत अलावा बाहर नहीं निकल सकता है। लॉकडाउन को देखते हुए लोग अपने-अपने घरों में जरूरत से सामान भर रहे हैं। ताकि उन्हें बाद में कोई परेशानी न हो। पर इस मौके का पूरा फायदा दुकानदारों की ओर से उठाने की कोशिश की जा रही है।
कई दुकानदार ग्राहक से मनमाने पैसे वसूल रहे हैं। अगर आप भी इस परेशानी का सामना कर रहे हैं तो सरकार से घर बैठे इसकी शिकायत कर सकते हैं। आप शिकायत करने के लिए consumerhelpline.gov.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं। नहीं तो आप टोल फ्री नंबर 1800-11-4000 या 14404 पर कॉल करके भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आप इस नंबर 8130009809 पर एसएमएस भेज सकते हैं। इसके बाद कंज्यूमर केअर के तरफ से कॉल किया जाएगा और आपकी शिकायत दर्ज की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि देश के 80 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सरकार 2 रुपये किलो गेहूं और 3 रुपये किलो चावल देती है। साथ ही उन्होंने बताया कि तीन महीने का राशन एडवांस में ही दिया जाएगा। इसकी व्यवस्था की जा रही है। सरकार के मुताबकि, एक व्यक्ति को 7 किलो अनाज दिया जाता है।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “21 दिनों का लॉकडाउन हमारे लिए है, हमारे परिवार के लिए है। लोगों से अपील है की कि वे घर में रहें, लगातार हाथ धोएं। बुखार, कफ, सर्दी होने पर डॉक्टर के पास जाएं। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का जरूर पालन करें।”
उन्होंने ने आगे बताया कि केंद्र सरकार के विभागों में जो-जो मजदूर ठेके पर काम कर रहे हैं, उन्हें भी वेतन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गरीबों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है, अफवाहों पर विश्वास न करें। कई तस्वीरें आती हैं, जो भारत की होती नहीं है। इन तस्वीरों के आधार पर लोग भ्रम पैदा करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सही जानकारी के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के वेबसाइट पर जाएं।
क्या हैं आपके अधिकार
-सुरक्षा का अधिकार यानी सही वस्तुओं और सेवाओं को पाने का अधिकार है। अगर कोई वस्तु या सेवा कंज्यूमर के जीवन और संपत्ति के लिए खतरनाक है, तो उसके खिलाफ सुरक्षा पाने का अधिकार है।
-सूचना के अधिकार यानी कंज्यूमर को वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता, मात्रा, शक्ति, शुद्धता, मानक और कीमत के बारे में जानकारी पाने का अधिकार है। इसका मतलब यह है कि अगर कोई दुकानदार या सप्लायर या फिर कंपनी आपको किसी वस्तु या सामान की सही जानकारी नहीं देती है, तो उसके खिलाफ आप केस कर सकते हैं।
-चुनने का अधिकार यानी कंज्यूमर को वस्तुओं और सेवाओं को चुनने का अधिकार है। वो अपनी पसंद की सेवा या वस्तु का चुनाव कर सकता है। किसी भी कंज्यूमर को कोई विशेष वस्तु या सेवा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।