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गडकरी के ‘चालान है तो जान है’ का पहला परिणाम ‘चालान ने ले ली जान’ 

 

देश के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सड़को और यातायात को लेकर गंभीर रहते है। देश में सड़को खासकर नेशनल हाइवे बनवाने में गडकरी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मोदी सरकार के पिछले पांच साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने देश में कई बड़ी सड़को की सौगात जनता को दी है। लेकिन मोदी सरकार 2 के कार्यकाल के 100 दिन होने के साथ ही देश में लागू हुए नए नियमो पर बहस चल पड़ी है।

भारी भरकम जुर्माने वाले इन नियमो को लागु हुए अभी 10 दिन ही बीते है। लेकिन इनको लेकर सड़को पर पुलिस और पब्लिक के भिड़ने के समाचार आ रहे है। कई जगह जनता खुलकर इनके विरोध में आ गई है। जिसपर गडकरी ने ” चालान है तो जान है ” का नारा दिया है। लेकिन देश की राजधानी दिल्ली से महज 7 किलोमीटर की दुरी पर नोएडा और गाजियाबाद के बॉर्डर पर ऐसी घटना घाटी जिससे इस नए नियम पर सवालिया निशान लग रहे है।

नोएडा और गाजियाबाद के बीच चालान काटने को लेकर पुलिस ने ऐसा काम किया की एक व्यक्ति की जान चली गई। इस तरह नितिन गडकरी का “चालान है तो जान है” यहां “चालान ने ली ली जान बन”  गया है।

रविवार रात को यह घटना उनके संज्ञान में आई थी। उन्होंने इस मामले का पता करवाया था। उन्होंने सेक्टर 62 के आस-पास वाहन चेकिंग करने वाले ट्रैफिक पुलिसकर्मी से बात की थी, लेकिन  ऐसी कोई घटना नहीं घटी ।

अनिल कुमार झा ,एसपी ट्रैफिक नोएडा

देश में एक सितम्बर से ट्रैफिक के नए नियम लागू होते ही चारो तरफ से इस मामले पर नई नई खबरे आ रही है। ज्यादातर खबरे भरी भरकम चालान को लेकर है। लोग अपरोक्ष रूप से ज्यादा धनराशि जुर्माने के तौर  पर लिए जाने वाले जुर्माने का विरोध कर रहे है।  ऐसे में लोग सड़को पर पुलिस से उलझ रहे है। नोएडा के सेक्टर-52 के शताब्दी विहार में रहने वाले मूलचंद शर्मा के 34 वर्षीय बेटे गौरव हरियाणा के गुरुग्राम की आईटी कंपनी में मार्केटिंग विभाग में थे।

रविवार को गौरव अपने माता-पिता के साथ कार से एनएच-24 से सेक्टर 62 की ओर आ रहे थे। नोएडा की तरफ मुड़ते ही रास्ते में कुछ पुलिसकर्मी खड़े थे। तभी पुलिसकर्मियों ने गौरव की गाड़ी पर डंडा मारकर रुकवा लिया। उन्होंने इसका विरोध किया, तो पुलिसकर्मियों ने अभद्रता शुरू कर दी। इसी बीच गौरव अचानक जमीन पर गिर गये। वहीं आरोपी पुलिसकर्मी मदद करने की जगह मौके से भाग खड़े हुए। परिजनों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने गौरव को मृत घोषित कर दिया।

इस घटना का उन्हें पता चला है।  जानकारी होने के बाद सेक्टर 62 के आस-पास रविवार सुबह तैनात रहे ट्रैफिक पुलिसकर्मीयों से पूछताछ की है। वह खुद रविवार को तैनात पुलिसकर्मियों को उनके पिता के सामने खड़ा कर देंगे। अगर कोई पुलिसकर्मी की पहचान हुई तो कार्रवाई की जाएगी।

श्याम नारायण सिंह, एसपी टैफिक गाजियाबाद

वहीं घटना के प्रकाश में आते ही सोमवार को कोतवाली सेक्टर-58 थाने से दो पुलिसकर्मी मृतक के घर पहुंचे। जहां गौरव के पिता ने पुलिस थाने आकर शिकायत देने की बात कहीं है। उधर इस मामले में गाजियाबाद और नोएडा पुलिस सीमा विवाद में उलझी है। दोनों ही जिलों के एसपी ट्रैफिक घटना को अपने क्षेत्र का होने से इनकार कर रहे हैं।

फिलहाल इस मामले पर बवाल मच गया है। दो जिलों की पुलिस इस मामले को एक दूसरे के पाले में डालकर अपना पीछा छुटाने की जुगत में लगी है। जबकि मृतक के परिजनों ने इस मामले पर अब पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया है। दो  दिन की चुप्पी के बाद अब मृतक के परिजन इस मामले को प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष ले गए है।

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