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लूट-पाट सिखाने वाला कोचिंग सेंटर का पर्दा फाश

 

भारत के जिले उत्तर प्रदेश में एक आश्चर्यजनक मामला सामने आया है जहाँ शिक्षा के स्थान पर बच्चों को पढाई नहीं बल्कि लूट-पाट के तरीके सिखाये जा रहे थे। सीतापुर की महोली पुलिस ने लुटेरों की एक गैंग का खुलासा किया है। यह गैंग सीतापुर और लखीमपुर में लूट घटनाओं को अंजाम दे चुका है। साथ ही हरदोई जिले में 50 लाख रुपये लूट की घटना को अंजाम देने के लिए रेकी तक कर चुके हैं। यह लुटेरों के गैंग का सरगना एक कोचिंग का संचालक है, जो कोचिंग में छात्र नहीं बल्कि लुटेरों की फौज तैयार करता है। पुलिस के द्वारा इस गैंग के सरगना सहित पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

 

पुलिस के मुताबिक महोली के अढौरी मोड़ से पिंकू मिश्रा पुत्र अविनाश निवासी मोहल्ला भट्टा, शिवम सिंह पुत्र बबलू सिंह निवासी मोहल्ला भट्टा, सत्यानंद पुत्र प्रेम सागर निवासी भटपुरवा हाल पता मोहल्ला भट्टा और अभिषेक गौतम निवासी मोहल्ला कैथा को गिरफ्तार कर उनके पास से 8 हजार के 500 रुपये नगद, एक मोबाइल और दो तमंचा कारतूस बरामद किये गए हैं। इस गैंग का खुलासा करने वाली महोली कोतवाली पुलिस टीम में अपराध निरीक्षक सुरेश कुमार यादव, एसआई कृष्ण कुमार यादव और अमन सिंह कुमार, आशीष मौर्या, अमित सिंह, गुरजीत कुमार, अखिलेश पटेल तथा अमित गौतम आदि आरक्षीगण शामिल हैं।

पुलिस के अनुसार महोली कस्बे के भट्टा मोहल्ला का निवासी अंकित दीक्षित अपने घर में ही कोचिंग चलाता था, लेकिन यहां पर शिक्षा के मंदिर की ओट में अपराध की ओर रूझान रखने वाले युवकों को लूट की ट्रेनिंग देने का काम किया करता था। पुलिस ने जिन चार युवकों को पकड़ा है, वह सभी इसी भट्टा मोहल्ले और कोचिंग के अगल-बगल रहते हैं। दिनांक 17 अप्रैल को महोली के सोनारनटोला निवासी नवीन शुक्ला पुत्र चंद्र कुमार के साथ लूट की घटना हुई थी, इसको लेकर धारा 394 के तहत मुकदमा कायम किया गया था, इसके अगले ही दिन 18 अप्रैल को लखीमपुर के मैगलगंज थाना अंतर्गत लिधियाई में एक देशी शराब ठेके से लूट की गई। जिसके बाद इस गिरोह का पर्दा फाश हुआ।

इस मामले को लेकर धारा 392 के तहत केस दर्ज किया गया था, यहां लगे सीसीटीवी कैमरे में लुटेरों की बाइक का नंबर आ गया था, जिसके जरिए पुलिस इन लुटेरों तक पहुंची। इस गैंग के सभी सदस्य युवा और किसी न किसी रूप में कोचिंग के आस-पास ही नजर आते थे। साथ ही किसी का कोई अपराधिक इतिहास भी सामने नहीं आ रहा था, लेकिन ऐसे में शक की सुई उनपर नहीं जा रही थी, यही पुलिस के लिए मुश्किल बना हुआ था।

लोगों ने पकड़कर किया पुलिस के हवाले

जैसा की कहा जाता है कि अपराध कभी नहीं छिपता, इस मामले में भी ऐसा हुआ है। एक चूक इस गैंग को भारी पड़ गई, पुलिस के मुताबिक इन दिनों यह गैंग हरदोई के आर्शीवाद फाइनेंस कंपनी में 50 लाख रुपये की लूट करने की योजना पर काम कर रहा था। अंकित दीक्षित, अभिषेक गौतम, और सत्यानंद मिश्रा एक बाइक से टड़ियावां होते हुए आ रहे थे, तभी ओवर टेक करने के चक्कर में एक स्थानीय बाइक सवार से उनकी कहासुनी हो गई थी। जिसके बाद हाथापाई के बीच जब स्थानीय लोग भारी पड़ने लगे तो अंकित दीक्षित असलहा दिखाते हुए मौके से भाग गया था, और दोनों युवकों को लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था।

टड़ियावा पुलिस ने जब इन युवकों से पूछताछ की तो पता चला कि यह लुटेरे हैं और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। इसे लेकर हरदोई पुलिस ने सीतापुर एसपी घुले सुशील चंद्रभान से सपंर्क किया, जिसके बाद इस मामले की जांच सीतापुर क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई, और क्राइम ब्रांच और महोली पुलिस ने मुश्किल से दिखने वाली इन घटनाओं की कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए आखिरकार लुटेरों के गैंग तक पहुंच कर उन्हें धार दबोचा।

इस मामले में सरगना कोचिंग संचालक अंकित दीक्षित पुत्र अम्रेश दीक्षित निवासी मोहल्ला भट्टा थाना महोली, सत्यम पांडेय पुत्र जयप्रकाश पांडेय निवासी मोहल्ला भट्टा थाना महोली को 45 सौ रुपये नगदी और 2 तमंचा के साथ गिरफ्तार किया है। अंकित दीक्षित का साथी सत्यम पांडेय आर्शीवाद फाइनेंस कंपनी हरदोई में कर्मचारी है, जिनके साथ मिलकर लूट की बड़ी योजना बनाई थी। अंकित दीक्षित अपने भट्टा मोहल्ला स्थित घर पर ही कोचिंग चलाता था।

 

 

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