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एक ओर जहां देश का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने के कगार पर है वहीं डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 80 के आंकड़े को पार कर गया है। ऐसे में आटा, चावल और अन्य खाद्य वस्तुओं को पहली बार टैक्स के दायरे में लाया गया। आजाद भारत में अनाज पर पहली बार टैक्स लगा है। वहीं अब इसके खिलाफ कारोबारी देशव्यापी प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि खाद्य वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाने से महंगाई बढ़ेगी और इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा

 

  • प्रियंका यादव, प्रशिशु

पिछले दो वर्षों में कोरोना महामारी और अब चार महीनों से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते मौजूदा समय में पूरी दुनिया आर्थिक संकट से जूझ रही है इस संकट की चपेट में आकर कई देशों में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। इस आर्थिक और सियासी शोर की आवाज ने देश की चिंता बढ़ा दी है। मंदी की आहट के बीच एक ओर जहां भारत का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म हो गया है वहीं डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 80 के आंकड़े को पार कर गया है। ऐसे में आटा, चावल और अन्य खाद्य वस्तुओं को पहली बार टैक्स के दायरे में लाया गया और इनकी कीमतें बढ़ गईं। आजाद भारत में अनाज पर पहली बार टैक्स लगा है। वहीं अब इसके खिलाफ कारोबारी देशव्यापी प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि खाद्य वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाने से महंगाई बढ़ेगी और इसका खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ेगा।संसद के दोनों सदनों में चल रहे मानसून सत्र में जीएसटी, बेरोजगारी और महंगाई को लेकर हंगामा जारी है।


महंगाई को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हाल ही में की गई जीएसटी में बढ़ोतरी पर घेरा। संसद के बाहर भी विपक्षी पार्टियों ने इसे लेकर सरकार के खिलाफ गांधी की प्रतिमा के आगे प्रदर्शन किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएसटी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्विटर पर जीएसटी को गब्बर सिंह का टैक्स कहकर संबोधित किया। बढ़ती बेरोजगारी को लेकर सरकार पर कटाक्ष किया गया कि उसका ध्यान सिर्फ जीएसटी बढ़ाने में है। वहीं केंद्र सरकार ने तर्क दिया कि यह फैसला राज्यों की सर्व समिति से लिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार सभी राज्यों से मंजूरी मिलने के बाद ही जीएसटी लागू की गई है जिसमें गैर भाजपा शासित प्रदेश भी हैं।


कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश के अनुसार जनता पहले से महंगाई और बेरोजगारी से परेशान है।ऊपर से सरकार ने खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी में बढ़ोतरी कर जनता के साथ क्रूर मजाक किया है। गौरतलब है कि आजादी के बाद से देश में पहली बार उन खाद्य वस्तुओं पर भी जीएसटी लगाईं गई है जिनमें पहले कभी जीएसटी लागू नहीं थी। हालांकि सरकार ने जीएसटी लगाने के कई वजहों को सामने रखा है।


वित्त मंत्री के अनुसार जीएसटी दर इसलिए बढ़ाई गई है क्योकि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए में गिरावट आई है। साथ ही उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और भारतीय शेयर बजारों से विदेशी निवेशकों की निकाशी जैसे कारणों को जिम्मेदार ठहराया है।


इन वस्तुओं पर लगा जीएसटी
सरकार द्वारा मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाजों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगा दी गई है। रोजमर्रा के सामानों पर जीएसटी लागू करने से इसका असर आम आदमी पर पड़ रहा है।
सरकार ने बीते 18 जुलाई को उन उत्पादों पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया है जिस पर 5 फीसदी दर पहले से ही लगाई गई थी। जबकि पैकेज्ड और लेबल वाले प्रोडक्ट्स पर 18 फीसदी और कच्चे माल पर 12 फीसदी जीएसटी लागू कर दी गई। प्रिंटिंग ड्राइंग इंक’, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू, पेंसिल शापनर, एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पाद सहित सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाह गृह के लिए जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगाया गया है। ईंधन में महंगाई की वजह से ट्रक जैसे ढुलाई वाले वाहनों पर भी 18 फीसदी जीएसटी लगा दिया गया। ईंधन में जीएसटी लगाने की वजह से लोगों का घूमना-फिरना भी महंगा हो गया। जीएसटी की दर बढ़ाने की वजह से देश-भर में महंगाई और भी बढ़ गई है। पेट्रोल, डीजल रसोई गैस के दामों में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। अब सरकार द्वारा खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाने से लोगों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को खाने पीने से लेकर इलाज कराना तक महंगा हो गया है। होटल में किराये पर दिए जाने वाले कमरों पर जीएसटी लगा दिया गया। 1000 पर मिलने वाला कमरों पर 12 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ेगा। अस्पताल के 5000 वाले कमरों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगा दिया गया है। अस्पताल के कमरों के साथ दवाइयों की कीमत में बढ़ोतरी कर दी गई हैं।


इन वस्तुओं पर नहीं लगाई गई जीएसटी सरकार द्वारा अनपैक्ड, अनलेबल और अनब्रांडेड वाली वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगाई गई है। सरकार के मुताबिक दाल-दलहन अनाज, आटा चावल जैसे खाद्य वस्तुओं की पैकिंग अभी भी 25 किलो से ऊपर की जाती है। इन्हें जीएसटी से छूट दी गई है। यदि खुदरा व्यापारी 25 किलो पैक में सामान लाकर उसे खुले में बेचता है तो इस पर जीएसटी नहीं लगेगा।

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