राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लिस्ट के आने से पहले असम में कई लोगों का तनाव बढ़ गया है। एनआरसी लिस्ट में नाम नहीं होने की आशंका के चलते लोगों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है। 31 अगस्त को सुबह 10 बजे एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी की जाएगी।
इस लिस्ट से 41 लाख लोगों को बाहर किया जा सकता है। फिलहाल इन लोगों का भविष्य अधर में अटका हुआ है।
एनआरसी को लेकर चिंतित 55 वर्षीय अंजली दास का कहना है कि पहले की दो लिस्ट में उनका और उनके परिवार के सदस्यों का नाम था, लेकिन फाइनल लिस्ट से उनके परिवार के सदस्यों का नाम हटा दिया गया है।
ऐसे हालात सिर्फ असम के एक जिले में नहीं हैं, बल्कि पूरे राज्य में हैं. असम के नेली इलाके में कुछ परिवार की ऐसी कहानी है कि मां-बाप का नाम एनआरसी लिस्ट में हैं, लेकिन उनके बच्चों का नाम गायब है।
हालांकि सरकार ने अगले 120 दिन में उन परिवारों को सभी संभव मदद देने का आश्वासन दिया है, जो मूल रूप से असम के निवासी हैं। इसके अलावा रियाजुद्दीन ने बताया, ‘मैं किसान हूं और साथ में मजदूरी करता हूं।पिछले कुछ महीनों में एनआरसी में नाम के लिए सब कुछ किया है। अब अगर मेरे बच्चों का नाम एनआरसी में नहीं है, तो हम कैसे यहां रह पाएंगे और बच्चों को बिना कैसे नागरिक कहलाएंगे।यह स्थिति बेहद चिंताजनक है