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मंदिरों में अरबों की संपत्ति

भारतीय परंपरा और इतिहास में मंदिरों का बड़ा महत्व है। ये हमारी आस्था के साथ-साथ देश की समृद्ध धार्मिक विरासत के भी प्रतीक हैं। एक अनुमान के मुताबिक देशभर में 500,000 से अधिक मंदिर हैं। देश में कई ऐसे मंदिर हैं जहां हर साल करोड़ों का चढ़ावा आता है। लोग मंदिरों में जाकर मन्नत मांगते हैं और इसके पूरा होने पर अपनी हैसियत के मुताबिक मंदिरों में रुपये, सोना और चांदी आदि दान करते हैं। आस्था और दान की कड़ियाँ प्राचीनकाल से जुडी हुई हैं। सभी धर्मों में भगवान से जुडी आस्था को प्रकट करने के लिए जिस तरह पूजा-पाठ किया जाता है उसी तरह दान भी शर्द्धा और आस्था का दूसरा प्रतीक है। आज के समय में जहां मानव तरक्की कर रहा है उसी तरह भगवान के नाम पर दी जाने वाली पूंजी की भी कोई तादात नहीं है। लाखों श्रद्धालु रोज़ाना बड़े-बड़े भगवान के मंदिरों में जी खोल कर दान पुण्य करते हैं। दान पुण्य में दिया गया पैसा, सोना-चाँदी, चल-अचल संपत्ति के आंकड़े इतने ज़्यादा होते हैं कि इन आंकड़ों में दिन-प्रतिदिन बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है। लाखों की भीड़ में आने वाले श्रद्धालु करोड़ों की संख्या में भगवान को चढ़ावा चढ़ाते हैं। चढ़ावे की श्रेणी ही मंदिरों की मान्यता बताती है जिसमे सबसे अधिक दान प्राप्त करने वाले मंदिर को सबसे अधिक प्रचलित और आस्थावादी माना जाता है। उसी प्रकार ही सारे मंदिरों को श्रेणीबद्ध कर दिया गया है। 

 

पद्मनाभ स्वामी मंदिर
 
भारत में जितने भी मंदिर हैं, उन सबसे ज्यादा संपत्ति, सोना, चांदी, कैश किसी के पास है तो वह है केरल में स्थित पद्मनाभ स्वामी मंदिर है। यह मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में है। इस मंदिर की देखभाल त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार द्वारा की जाती है। इस मंदिर को खजाने में हीरे, सोने के गहने और सोने की मूर्तियां शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर की 6 तिजोरियों में कुल 20 अरब डॉलर की संपत्ति है। यही नहीं, मंदिर के गर्भग्रह में भगवान विष्णु की बहुत बड़ी सोने की मूर्ति विराजमान है, जिसकी कीमत 500 करोड़ रुपये है।

 
तिरुपति बालाजी मंदिर
 
दूसरे नंबर पर तिरुपति बालाजी भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर है। भगवान वेंकटेश्वर को विष्णु का अवतार माना जाता है। मंदिर के पास मौजूदा समय में 10000 किलो सोना, 12000 करोड़ रुपये की एफडी और 1100 से भी ज्यादा की अचल संपत्ति है। तिरुपति बालाजी मंदिर तिरुमला की पहाड़ियों पर बना है। इसे मंदिर को भगवान विष्णु के आठ स्वयंभू मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला और शिल्पकला का नायाब नमूना है। मंदिर दक्षिण द्रविड़ शैली में बना है। मंदिर के दाएं भाग में अनंदा निलियम में भगवान वेंकटेश्वर की सात फीट ऊंची प्रतिमा विराजमान है। इसकी खास बात यह है कि यह मूर्ति दाईं ओर स्थापित है लेकिन देखने में यह मध्य में लगती है। इस मंदिर में देश के कोने-कोने से लेकर विदेश तक के लोग आते हैं। तिरुपति मंदिर में आने वाले लोग खूब दिल खोलकर दान देते हैं। वह अपने सिर के बालों से लेकर शरीर में पहनकर आए सोने-चांदी के गहने भी उतारकर मंदिर में चढ़ा देते हैं। कई तो किलो के हिसाब में सोना दान करते हैं। मंदिर को इतना दान मिलता है कि यह देश का सबसे अमीर मंदिर बन गया है।
 
साई बाबा मंदिर
 
इस सूची में तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र के शिरडी में स्थित साई बाबा मंदिर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मंदिर के बैंक खाते में 380 किलो सोना, 4,428 किलो चांदी और डॉलर और पाउंड जैसी विदेशी मुद्राओं के रूप में बड़ी मात्रा में धन के साथ-साथ लगभग 1,800 करोड़ रुपये जमा हैं। 2017 में रामनवमी के अवसर पर एक अज्ञात भक्त द्वारा मंदिर को 12 किलो सोना दान किया गया था। इस मंदिर में हर साल करीब 350 करोड़ का दान आता है। सूत्रों की मानें तो इनके पास लगभग 20 मिलियन डॉलर यानी 1,48,681 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है।
 
वैष्णो देवी मंदिर
 
वैष्णो देवी मंदिर को देश के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। भारत में मान्यता प्राप्त शक्तिपीठ मंदिरों में से एक है। ट्रैवल गाइड टूर माई इंडिया के अनुसार, इस मंदिर से हर साल 500 करोड़ रुपये की आय होती है जो इसे देश के सबसे धनी मंदिरों में से एक बनाती है। देश और दुनिया से हर साल लाखों की संख्या में लोग माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर की 6 तिजोरियों में कुल 20 अरब डॉलर की संपत्ति है।
 
सिद्धिविनायक मंदिर
 
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर देश के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है। बॉलीवुड के मशहूर हस्तियों से लेकर बिजनेस टायकून तक, यहां कई मशहूर हस्तियां देखी जाती हैं। इस मंदिर को 3.7 किलोग्राम सोने से कोट किया गया है, जिसे कोलकाता के एक व्यापारी ने दान किया था। रिकॉर्ड के अनुसार, मंदिर को दान और चढ़ावे से सालाना करीब 125 करोड़ रुपये की इनकम होती है। मंदिर की 6 तिजोरियों में कुल 20 अरब डॉलर की संपत्ति है।
 
मीनाक्षी देवी मंदिर 
 
यह देश के उन चंद मंदिरों में शामिल है जहां रोजाना 20 से 30 हजार भक्त दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर की सालाना कमाई करीब 6 करोड़ रुपये की है। इस मंदिर परिसर में करीब 33,000 मूर्तियां हैं। मुख्य मूर्ति देवी मीनाक्षी की है जो भगवान सुंदरेश्वर (भगवान शिव) की पत्नी हैं। मंदिर में दो गोल्डन कार्ट हैं जो इसकी भव्यता में चार चांद लगाते हैं। यह देश के सबसे अमीर मंदिरों में शामिल हैं।
 
जगन्नाथ मंदिर
 
पुरी में जगन्नाथ मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है, जिसे देश और यहां तक कि दुनिया के कोने-कोने से अपने भक्तों से भारी मात्रा में दान मिलता है। हालांकि मंदिर की सही संपत्ति के बारे में कोई नहीं जानता, लेकिन अनुमान है कि मंदिर में 100 किलो से अधिक सोने और चांदी का सामान हैं। प्राचीन मंदिर भगवान जगन्नाथ को समर्पित है और हिंदुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। इसके अलावा, मंदिर अपने वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के लिए भी प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि मंदिर को यूरोप के एक भक्त से 1.72 करोड़ रुपये दान में मिले थे।
 
सोमनाथ मंदिर
 
गुजरात का सोमनाथ मंदिर सोमनाथ मंदिर हमेशा देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक रहा है। यही वजह है कि महमूद गजनी ने इसे 17 बार लूटा गया था। इस मंदिर को आज भी गुजरात में एक समृद्ध मंदिर के रूप में गिना जाता है। यह मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल में बनाया गया है, और यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है। सोमनाथ में हर साल करोड़ों को चढ़ावा आता है। इसलिए ये भारत के अमीर मंदिरों में से एक है।
 
सबरीमला अयप्पा मंदिर, केरल
 
यह भी देश के अमीर मंदिरों की सूची में शामिल है। हर साल करीब 10 करोड़ श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं। यह मंदिर पहाड़ों और घने जंगलों के बीच समुद्र तल से 4,133 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर की सबसे अनोखी पहचान यह है कि यहां केवल पुरुष ही जा सकते हैं। यात्रा सीजन में इस मंदिर को करीब 230 करोड़ रुपये की कमाई होती है।
 
अक्षरधाम मंदिर
 
दिल्ली में कॉमनवेल्थ खेल गांव के पास 100 एकड़ जमीन पर बने स्वामीनारायण मंदिर को अक्षरधाम मंदिर भी कहा जाता है। दुनिया के सबसे विशाल हिंदू मंदिर के तौर पर इसका नाम गिनेस बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में भी दर्ज है। इसमें 10,000 साल पुरानी भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और वास्तुकला को दर्शाया गया है। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं। मंदिर में भगवान स्वामीनारायण की मूर्ति सोने की बनी है।
 
काशी विश्वनाथ मंदिर
 
वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर देश के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां हर साल 30 लाख से अधिक घरेलू और 2 लाख विदेशी पर्यटक इस मंदिर में आते हैं। इस मंदिर में सालाना 4 से 5 करोड़ रुपये का चढ़ावा आता है जो इसे देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक बनाता है। मंदिर के 3 गुंबदों में से 2 में सोने की परत चढ़ी हुई है। 

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