देश में ग्रीष्म ऋतु का आगमन हो गया है, हालांकि मौसम में अभी भी नमी है। लेकिन मौसम की इस नमी को पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव दूर कर रहा है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से देश का भी तापमान गर्म हो चुका है। हर दिन नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे है, दबाकर चुनावी रैलियां की जा रही है। राज्यों के चुनावों में अगर सबसे ज्यादा चर्चा का विषय पश्चिम बंगाल और असम बने हुए है। बंगाल की राजनीति तो इतनी ज्यादा गर्म हो चुकी है कि अगर आप किसी नेता से हाथ मिला लें तो आपका हाथ भी जल सकता है। क्योंकि बंगाल में चुनावी माहौल अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा गर्म है। मारकाट जैसी घटनाएं बंगाल में आम हो चुकी है। भाजपा इन घटानाओं के पीछे टीएमसी का हाथ बताती है तो वहीं टीएमसी हिंसक घटनाओं के पीछे बीजेपी का हाथ बताती है। यह पहली बार नहीं है कि बंगाल के चुनावों में हिंसक घटनाएं हो रही हो, इसके पीछे बंगाल का लंबा इतिहास शामिल है। टीएमसी के ज्यादातर कार्यकर्ता बीजेपी के तरफ चले गए। ममता बनर्जी और पार्टी के प्रमुख नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। लेकिन ममता इन सब के चले जाने से जरा भी पीछे नहीं हटी, बकायदा फ्रंट फुट पर आकर बीजेपी के आरोपों का जवाब दे रही है। अब बंगाल विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार में प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव की एंट्री भी हो चुकी है।
तेजस्वी यादव ने बंगाल में रह रहे बिहार के लोगों से ममता बनर्जी की पार्टी को वोट करने की अपील की है। सोमवार 1 मार्च को तेजस्वी यादव ने कोलकत्ता में ममता बनर्जी के साथ बैठक की। कालीघाट में ममता बनर्जी से उनके आवास में मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने कहा, ‘जहां भी जरूरत होगी हम ममत बनर्जी को पूरा समर्थन करेंगे। बीजेपी को किसी भी कीमत पर रोकना ही हमाारी प्राथमिकता है। हम देश को उन लोगों से बचाना चाहता हैं, जो इसे बर्बाद करने में जुटे हैं। उन्होंने आगे कहा कि देश में बंगाल की विशिष्ट पहचान है। बंगाल के लोग बहुत ही प्रबुद्ध है। बंगाल की अपनी अलग सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि बंगाल के लोग विभाजनकारी नीति में यक़ीन रखने वाले बाहर के लोगों के हाथों बंगाली संस्कृति और पहचान को कभी भी ख़त्म नहीं होने देंगे।
इसके बाद तेजस्वी यादव के समर्थन का धन्यावाद करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि, तेजस्वी ने बिहार में काफी अच्छा काम किया। बिहार में बीजेपी ने धोखेबाजी की और उन्हें जीतने से रोका गया। आरजेडी को धोखे से हराया गया है। ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि जेल में बंद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव उनके पिता जैसे हैं। उन्हें जेल में प्रताडि़त किया जा रहा है। अगर तेजस्वी लड़ रहे हैं तो मैं भी लड़ रही हूं। अगर मैं लड़ रही हूं तो तेजस्वी लड़ रहे हैं। बीजेपी बिहार में नहीं रहने वाली है और ना ही बंगाल में वो जीतने वाली है।’ उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को बीजेपी से प्रभावित नहीं होना चाहिए। तेजस्वी यादव बंगाल के उन जिलों को लेकर भी दावा कर रहे है जिनकी सीमा झारखंड से लगती है। रांची जिले की सीमा बंगाल के पुरलिया जिले को छूती है तो वर्धमान की सीमा धनबाद से मिलती है। झारखंड के धनबाद में निरसा और जमशेदपुर क्षेत्र भी बंगाल के करीब है। इन जिलों में तेजस्वी ममता के लिए वोटों की अपील करेंगे, ताकि टीएमसी को मजबूत किया जा सकें।
वहीं दूसरी तरफ बंगाल में बीजेपी ममता बनर्जी की नीति का इस्तेमाल कर रहे है। जिस तरह ममता बनर्जी ने 2011 के चुनावों में बंगाल के एक्टर को अपने पाले में खींचा था, उसी तरह बीजेपी भी अब बंगाल के कलाकारों को अपने पक्ष में करने के लिए जुटी हुई है। ममता बनर्जी ने जब 2011 में 34 साल से सत्ता में काबिज सीपीएम का सफाया किया था तब उन्हें बंगाल के सेलिब्रिटीज का काफी सपोर्ट मिला था। इसमें टॉलीवुड (बंगाल की टेलीविजन और फिल्म इंडस्ट्री) के सेलिब्रिटीज बड़ी संख्या में शामिल थे। अब ममता के ही रास्तों पर चलकर बीजेपी भी सेलिब्रिटीज को अपने पाले में ला रही है। हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत मुंबई में मिथुन चक्रवर्ती से मिले हों या बंगाल भाजपा के थिंक टैंक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन के डायरेक्टर डॉ. अनिर्बान गांगुली का बंगाल के चर्चित अभिनेता प्रसेनजीत चटर्जी से मिलना हो। इन सब बातों को अगले विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। बीजेपी बंगाल में असर रखने वाली बड़ी सेलिब्रिटीज को अपने साथ करने की भरसक कोशिश कर रही है।
हालांकि ममता बनर्जी भी सेलिब्रिटीज को अपने पक्ष में करने के लिए प्रयत्न कर रही है। टीएमसी में अभी क्रिकेटर मनोज तिवारी, जून मालिया, सयानी घोष, कांचन मल्लिक, राज चक्रवर्ती, दीपांकर दे, कौशानी मुखर्जी, भरत कौल, श्रीतामा भट्टाचार्जी, रोनिता दास, सीरियल अभिनेत्री लवली मित्रा, संगीत कलाकार रशीद खान की पुत्री अभिनेत्री सायनी खान शामिल हो चुकी हैं। मनोज तिवारी को हावड़ा से टिकट दिया जा सकता है, क्योंकि वहां बड़ी संख्या में हिंदी भाषी रहते हैं, जिनके बीच तिवारी काफी लोकप्रिय हैं। बता दें बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं और राज्य में वर्ष 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं। वर्ष 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में टीएमसी को 211, लेफ्ट को 33, कांग्रेस को 44 और बीजेपी को मात्र 3 सीटें मिली थीं। वोट शेयर में भी बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है। टीएमसी ने जहां 43.3 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया वहीं बीजेपी को 40.3 प्रतिशत वोट मिले। बीजेपी को कुल 2 करोड़ 30 लाख 28 हजार 343 वोट मिले जबकि टीएमसी को 2 करोड़ 47 लाख 56 हजार 985 मत मिले हैं। बंगाल में आठ चरणों में चुनाव होना है, और दो मई को मतो की गणना होगी।