बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मंगलवार को राज्य में क्वारंटाइन सेंटर को लेकर सरकार की आलोचना की। साथ ही उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से कोरोना महामारी से लड़ने के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों की मदद लेने का अनुरोध किया। कल सोमवार की शाम पटना पहुंचने के लिए विशेष अनुमति लेने के बाद नई दिल्ली से सड़क यात्रा करने वाले राजद नेता ने राज्य में होने वाले कोरोना टेस्ट की संख्या में वृद्धि करने की भी मांग की।
तेजस्वी यादव ने मंगलवार को एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा, “बिहार में कोविद का परीक्षण चिंताजनक रूप से कम था, जबकि सकारात्मक मामलों में वृद्धि खतरनाक रूप से अधिक थी। मई के पहले 10 दिनों में, प्रति दिन औसत परीक्षण 952 था, जबकि मामलों में औसत दैनिक वृद्धि 25 थी।”
विशेष ट्रेने अब 1200 की बजाय पूरी क्षमता के साथ चलेंगी।रेलवे के आदेश अनुसार अब ट्रेनों में सोशल/फ़िज़िकल डिस्टेंसिंग भी नही होगी।
क्या रेलवे के सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रखने के फैसले से संक्रमण की संभावना नहीं बढ़ेगी?केंद्र द्वारा डिस्टेंसिंग के नियम का पालन क्यों नहीं किया जा रहा?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 12, 2020
तेजस्वी यादव ने बांका के शंभुगंज ब्लॉक में एक क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले एक प्रवासी कार्यकर्ता का वीडियो भी अपलोड किया, जिसमें उसका हाथ टूट गया था। कर्नाटक से लौटे प्रवासी कार्यकर्ता को वीडियो में यह कहते हुए सुना जाता है कि बेहतर गुणवत्ता वाले भोजन के लिए पुलिस द्वारा उसे पीटा गया और उसका हाथ फ्रैक्चर हो गया।
बिहार में क्वारंटाइन सेंटरों को यातना शिविर में तब्दील कर दिया गया है। ख़राब खाने का विरोध करने पर शंभूगंज प्रखंड, बाँका के इस श्रमिक भाई को पुलिस द्वारा पिटा गया। माननीय मुख्यमंत्री जी से आग्रह है कि कृपया अधिकारियों के अलावा जनप्रतिनिधियों से भी ज़मीनी हक़ीक़त का फ़ीडबैक लें। pic.twitter.com/b0n2NBJfQU
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 12, 2020
इस वीडियो को शेयर करते हुए तेजस्वी ने लिखा, “बिहार में संगरोध केंद्रों को यातना शिविरों में बदल दिया गया है। इस मजदूर को खराब गुणवत्ता के भोजन के खिलाफ विरोध करने पर पुलिस द्वारा पीटा गया था। अधिकारियों से अलग जनप्रतिनिधियों से भी फीडबैक लेने के लिए मुख्यमंत्री का सम्मान करने का अनुरोध है।”
विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग रूल को बनाए रखने के बजाय रेलवे द्वारा विशेष ट्रेनों में यात्रियों को फुल करने की अनुमति देने पर भी सवाल उठाए। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि एक बार जब वह एक संगरोध केंद्र में रहेंगे तो उन्हें बिहार सरकार द्वारा वहां की गई व्यवस्थाओं के बारे में पता चल जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने हमेशा जरूरत के समय लोगों की सेवा की है।
तेजस्वी जी पटना पधार चुके है।बिहार के लोगो ने ट्विटर पर चहचहाना शुरू किया तो भोरे भोरे पटना पहुँच गए है।
बिहार के लोगों के खातिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी सेवा के भाव से कार्य कर रहे है।
तेजस्वी जी आप पटना में कोरोना काल मे राजनीति करने से बचेंगे ऐसी आशा है।
सेवा में मेवा है।
— Arvind Nishad (@Arvind_Nisaad) May 12, 2020
यह जल-जमाव, बाढ़ या तीव्र इन्सेफेलाइटिस के दौरान, जबकि तेजस्वी विपक्षी नेता की भूमिका भी नहीं निभा सकते थे और ज्यादातर समय अनुपस्थित रहते थे। बीजेपी और जेडीयू के नेताओं ने हाल के दिनों में संकट के समय बिहार से हमेशा अनुपस्थित रहने के लिए तेजस्वी पर हमला बोला। इससे पहले राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने उनकी अनुपस्थिति के लिए तेजस्वी का मजाक उड़ाया था और उन्हें बिहार से दिल्ली वापस आने के लिए आवश्यक सभी सहायता की पेशकश की थी।
पर वहीं तेजस्वी के बड़े भाई तेजप्रताप यादव ने कहा कि उन्होंने उन लोगों को कड़ा जवाब दिया है जो उनके काम के जरिए उन पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं विपक्ष के लिए अकेला ही काफी हूं। लेकिन अब जब से तेजश्वी वापस आया है, यह मुझे और ताकत देगा।” उन्होंने पिछले महीने अपने जन्मदिन के अवसर पर लालू की रसोई शुरू की थी और कहा था कि यह रसोई गरीबों की लॉकडाउन के बीच भोजन उपलब्ध कराती रहेगी।