एनसीआरटी द्वारा किताबों से मुगलों के अध्यायों को हटा दिया गया । जिसका विरोध लगातार किया जा रहा है। इसी बीच केरल सरकार ने फैसला किया है कि वह मुगलों के इतिहास को अलग से पढ़ाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने अलग से किताब चलाने का फैसला किया है।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रसिक्षण परिषद (एनसीआरटी ) ने 12वी के इतिहास से मुग़ल सम्राज्य का पाठ हटा दिया । इसके अलावा भी कई परिवर्तन किए गए हैं। जिसके चलते राज्य सरकार ने इसका विरोध कर भगवाकरण का आरोप लगाया। अब केरल की स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेसन रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) ने सिलेबस से हटाए गए पाठों को भी पढ़ाने का फैसला किया है। केरल सरकार सप्लीमेंट्री किताबों में उन अध्यायों को जोड़ सकती है।
कक्षा 11 से लेकर 12 तक के बच्चों को यह पढ़ाया जायेगा। गौरतलब है कि एनसीआरटी ने 6 से लेकर 12 वी क्लास तक के बच्चों का सिलेबस रिशनलाइज किया है। लेकिन केरल राज्य में 11 और 12वी क्लास में ही एनसीआरटी पढाई जाती है। एनसीआरटी के मुताबिक इनके द्वारा सिलेबस में किया गया यह बदलाव छात्रों पर से बोझ कम करने के लिए किया गया है। लेकिन इसका लगातार विरोध किया जा रहा है कि मुगलों का इतिहास हटाने का प्रयास किया जा रहा है।
हालांकि स्कूलों में पढ़ाये जा रहे इतिहास की किताब में कई पाठ ऐसे हैं जहां मुगलों का जिक्र किया गया है। 10 वी से 17 वी शदी के भारत के चैपटर और भक्ति सूफी परम्पराओं पर आधारित कई बातों का जिक्र किया गया है। एनसीआरटी के प्रमुख दिनेश सकलानी के मुताबिक मुगलों के इतिहास को किताब से हटाया नहीं गया बल्कि कुछ हिस्सा घटाकर छात्रों का बोझ हल्का किया है। कोविड महामारी के दौरान छात्रों पर काफी बोझ रहा था जिस वजह से यह फैसला लिया गया।