एक तरफ पूरा विश्व कोरोना, आर्थिक मंदी से जूझ रहा है दूसरी तरफ तालिबान धार्मिक कट्टरता को हथियार बना स्थानीय लोगों का जीवन मुश्किल बनाता जा रहा है। अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने ट्वीट कर बताया है कि अफगानिस्तान में एक शादी समारोह में संगीत बजाने की वजह से तालिबानी आतंकवादियों ने 13 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। तालिबान इस्लाम का सहारा लेकर अपनी कट्टरता को सही साबित करने की कोशिश करता रहा है। जिस कारण उसने लड़कियों का बाहर निकलना, पढ़ाई पर रोक लगाकर उन पर अत्याचार कर रहा है। वही पुरुषों पर भी कई पाबंदियां लगाई हुई है। मसलन दाढ़ी बनवाने पर रोक, बीड़ी सिगरेट पर बैन आदि।
अफगान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने ट्वीट करके इस घटना की जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है, ‘नंगरहार में तालिबान के लड़ाकों ने 13 लोगों को सिर्फ इसलिए मार दिया क्योंकि शादी में गाने बजाए जा रहे थे। अब हम सिर्फ गुस्सा जाहिर कर शांत नहीं हो सकते हैं। पिछले 25 सालों में पाकिस्तान ने ही इन आतंकियों को ट्रेन किया है, इनके जरिए अफगानिस्तान की संस्कृति को तबाह किया गया है।”
Taliban militiamen have massacred 13 persons to silence music in a wedding party in Nengarhar. We can't express our rage only by condemnation. For 25 years Pak trained them to kill Afg culture & replace it with ISI tailored fanaticism to control our soil. It is now in works. 1/2
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) October 30, 2021
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जब से अफगानिस्तान में तालिबानी की सरकार आई है, स्थानीय लोगों पर कई पाबंदियां लगा दी हैं। पाबंदियों को नहीं मानने वालों पर क्रूरता की जाती है। यहाँ तक कि उन्हें मौत के घाट तक उतार दिया जाता है। कई क्षेत्रों में अभी भी लड़कियों के लिए स्कूल नहीं खोले गए हैं। अफगानिस्तान के महिला मंत्रालय को भी खत्म कर दिया गया है। ऐसे में तालिबान हर वो फैसला ले रहा है जिससे उसकी कट्टरपंथी सोच उजागर हो रही है। तालिबान के कट्टरपंथी होने के चलते अब भी अफगानी नागरिक अपना देश छोड़ रहे हैं।
झूठे साबित हुए तालिबान के सारे वादे
15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने वादा किया था कि वह कोई बदला लेने वाली कार्रवाई नहीं करेगा, लेकिन तालिबान अपने सारे वादों से पीछे हट गया है। हाल ही में उसने ऐलान किया था कि लोगों को गलती का सबक सिखाने के लिए उन्हें सजा दी जाती रहेगी। इस सजा में हाथ काटने से लेकर जान लेना तक शामिल किया गया है।
तालिबान के लड़ाके उन लोगों को निशाना बना रहे हैं जिन्होंने तालिबान के खिलाफ सरकार और नॉर्दर्न फ्रंटियर सेना का साथ दिया था। पंजशीर के एक युवक ने बताया कि उसके परिवार पर पांच बार हमला किया गया है। तालिबान न केवल आम जनता को बल्कि मीडिया के लोगों और लेखकों को भी बंदी बना लिया था।
वहीं पंचशील के एक स्थानीय निवासी ने बताया कि तालिबानी अफगानिस्तान की पिछली सरकार के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछते हैं। लोगों के मोबाइल छीनकर उसकी जांच करते हैं। अगर उन्हें कोई संदिग्ध तस्वीर मिलती है तो वे उस व्यक्ति को मार देते हैं।