तीन माह पूर्व दिल्ली में हुए दंगों खासकर चांद बाग इलाके का मास्टरमाइंड आम आदमी पार्टी का पार्षद ताहिर हुसैन निकला। यही नहीं बल्कि चांद बाग इलाके में हिंसा भड़काने के मामले में ताहिर हुसैन ले 1 करोड़ 30 लाख रुपए खर्च किए। ध्यान रहे कि यह वही ताहिर हुसैन है जिस पर आईबी के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के आरोप लगे थे। आम आदमी पार्टी के पूर्व में मुस्तफाबाद के नेहरू विहार वार्ड से पार्षद रहे ताहिर हुसैन को पार्टी द्वारा निलंबित किया जा चुका है। फिलहाल दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ताहिर हुसैन के मामले को लेकर आरोप पत्र दाखिल किए हैं। जिसमें कई सनसनीखेज खुलासे किए गए है।
अभी तक लोग यह समझ रहे थे कि ताहिर हुसैन को राजनीतिक साजिश के तहत इस मामले में इन्वॉल्व किया जा रहा है। लेकिन अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट के बाद कई चौकाने वाले मामले सामने आए हैं। दिल्ली पुलिस की यह चार्ज सीट 1030 पन्नों की है। जिसमें ताहिर हुसैन सहित 15 के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए गए हैं। यह आरोप पत्र 16 जून को कड़कड़डूमा कोर्ट के समक्ष संज्ञान में लाए जाएंगे।
“ताहिर हुसैन निकला दिल्ली दंगों का साज़िश कर्ता।EDMC काउंसिलर,AAP नेता ताहिर ने दंगे से 1 दिन पहले पिस्टल खरीदी थी जो बरामद हुई।1 करोड़ रूपए बांटकर शाजिश रची थी,लेन के सभी घर जले,ताहिर का घर बचा।पुलिसकर्मी गवाह बनेंगे”- दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में खुलाशा।
— Vijay Shankar Tiwari (@VijayVst0502) June 3, 2020
गौरतलब है कि दिल्ली दंगे की अगली तारीख 16 जून को है। जिसमें ताहिर हुसैन का मामला कड़कड़डूमा कोर्ट में विचाराधीन है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के आरोप पत्र के अनुसार ताहिर के साथ ही उसका भाई शाह आलम समेत अन्य को भी इस मामले में संलिप्त पाया गया है। आरोपपत्र के अनुसार हिंसा के समय ताहिर हुसैन अपने घर की छत पर ही मौजूद था और उसी के कहने पर भीड़ ने हिंसा भड़काई।
यही नहीं बल्कि दंगों को भड़काने की पहले से ही साजिश रची गई थी। जिसका मास्टरमाइंड ताहिर हुसैन था। ताहिर ने लोगों से बात की और उन्हें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे के समय दिल्ली में दंगे की योजना बनाई। इसके तहत ही दिल्ली में दंगे भड़क गए। फिलहाल दिल्ली पुलिस में आरोपपत्र में 75 गवाहों के नाम शामिल किए हैं। जो ताहिर हुसैन के खिलाफ सबूत पेश करेंगे।
“ताहिर हुसैन ने दिल्ली दंगों की साज़िश रची।तब EDMC काउंसिलर,AAP नेता ताहिर ने दंगे से 1 दिन पहले पिस्टल ली जो बरामद की गई।1 करोड़ रूपए बाँटे।PCRकॉल साज़िश का हिस्सा था,उस लेन के बाक़ी घर जले,ताहिर का नहीं।PCR पहुँची तो चोट नहीं थी।पुलिसकर्मी भी गवाह बनेंगे”- दिल्ली पुलिस चार्जशीट
— Anjana Om Kashyap (@anjanaomkashyap) June 3, 2020
दिल्ली पुलिस के अनुसार ताहिर हुसैन ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुए लोगों को भी इस दंगे में शामिल करने के लिए बातचीत की थी। हालांकि, वह दंगे में शामिल हुए या नहीं इस पर क्राइम ब्रांच ने अभी कोई स्पष्ट नहीं किया है।
इसी के साथ क्राइम ब्रांच ने आरोप पत्र में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और खालिद सैफी का भी जिक्र किया है। इसके अनुसार ताहिर हुसैन इन दोनों के संपर्क में आया था और दोनों से ही बातचीत की थी। क्राइम ब्रांच ने यह खुलासा ताहिर हुसैन की कॉल डिटेल के आधार पर किया है। हालांकि, अभी दिल्ली पुलिस इस नतीजे पर नहीं पहुंची है कि जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और खालिद सैफी की दंगों में क्या भूमिका थी।
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"ताहिर हुसैन" के नाम पर सन्नाटा #TahirHussainTerrorist
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— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) June 2, 2020
दिल्ली पुलिस के अनुसार आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के पास 100 कारतूस थे। जिनमें से 64 कारतूस और 22 खोखे बरामद किए गए। हालांकि, पुलिस यह साबित नहीं कर पाई थी कि बरामद हुए 22 खोखे कहां प्रयोग किए गए, और बाकी कारतूस कहां गए। जब दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में ताहिर हुसैन से बात की तो वह कोई जवाब नहीं दे सका था। दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि ताहिर हुसैन के रिश्तेदार गुलफाम ने 31 जनवरी को 100 कारतूस खरीदे थे। जिनमें से पुलिस ने सात कारतूस बरामद किए जो कारतूस बरामद नहीं हुए। उनका प्रयोग दंगे के दौरान किया गया।
गौरतलब है कि दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में चांद बाग़ और जाफराबाद में 23 और 24 फरवरी को सीएए और एनआरसी के विरोध में दंगे हुए थे। इन दंगों के दौरान चांद बाग में भारी हिंसा हुई थी। इन दंगों में दिल्ली के करीब 53 लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में पुलिस ने 700 से ज्यादा एफ आई आर दर्ज की थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस की एसआईटी द्वारा जांच की जा रही है। जिसमें ढाई हजार से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।