सीनीयर सिटीजन एवेटमेंट कानून (CAA) को लेकर दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा जिला अदालत ने आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। हिंसा से जुड़े तीन मामलों में जमानत की मांग की गई थी। कोर्ट ने जमानत खारिज करते हुए कहा कि ताहिर हुसैन के खिलाफ चल रहे मामले में वो लोग गवाह हैं , जो उसके घर के आस-पास ही रहते हैं ।
कोर्ट ने कहा कि ऐसे में अगर ताहिर हुसैन को कोर्ट की ओर से जमानत दी गई तो मुमकिन है कि गवाहों को आरोपी की तरफ से डराने धमकाने का काम किया जा सकता है। इन्हीं सब आशंकाओं को देखते हुए कोर्ट ने तीन अलग-अलग मामलों में जमानत के लिए ताहिर हुसैन की याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इस तरह कोर्ट ने ताहिर हुसैन को झटका देते हुए जमानत अर्जी खारिज दी है।
कोर्ट की तरफ से यह तीसरी बार है जब ताहिर हुसैन की दिल्ली हिंसा के मामले में जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस की तरफ से दाखिल की गई 17 हजार पन्नों की चार्जशीट में ताहिर हुसैन को दिल्ली हिंसा का मास्टरमाइंड बताया गया है।
वहीं ताहिर हुसैन को 5 मार्च को दिल्ली हिंसा के मामले में बतौर आरोपी दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस की तरफ से ताहिर हुसैन को लेकर कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। इसी आधार पर ताहिर हुसैन की तरफ से कोर्ट से जमानत देने की गुहार लगाई गई थी।
दिल्ली पुलिस का दावा है कि ताहिर हुसैन ने पूछताछ में बताया, ‘मेरे जानकार खालिद सैफी ने कहा कि तुम्हारे पास राजनीतिक पावर और पैसा दोनों है, जिसका इस्तेमाल हिंदुओं के खिलाफ और कौम के लिए करेंगे। मैं इसके लिए हमेशा तैयार रहूंगा। कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद खालिद सैफी मेरे पास आया उसने कहा कि इस बार अब हम चुप नहीं बैठेंगे। इसी बीच राम मंदिर के फैसले के साथ सीएए भी आ गया। अब मुझे लगा कि पानी सिर से ऊपर जा चुका है। अब तो कुछ कदम उठाना पड़ेगा।
बता दें कि ताहिर हुसैन पर दिल्ली हिंसा को भड़काने के साथ-साथ उनकी फंडिंग करने का भी आरोप लगाया गया है। कोर्ट में जांच एजेंसियों के जरिए इससे जुड़े सबूत भी पेश किए गए हैं। दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में फरवरी में हुई हिंसा के दौरान 56 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे।
पुलिस ने यह बताई थी ताहिर की प्लानिंग
दिल्ली पुलिस के दावे के अनुसार ताहिर हुसैन के कबूलनामे के मुताबिक, ‘8 जनवरी को खालिद सैफी ने मुझे जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से शाहीन बाग में पीएफआई के दफ्तर में मिलवाया था। जहां उमर खालिद ने बोला कि वह मरने-मारने को राजी है। वहीं, खालिद सैफी ने कहा कि पीएफआई का सदस्य दानिश हिंदुओं के खिलाफ जंग में हमारी पूरी फाइनेंशियल मदद करेगा.’ साथ ही ताहिर ने बताया कि पीएफआई के दफ्तर में उन्होंने प्लान बनाया कि दिल्ली में कुछ ऐसा करेंगे, जिससे सरकार हिल जाए। इसके बाद वह CAA वापस ले लेगी। खालिद सैफी का काम लोगों को भड़का कर सड़कों पर उतारने का था।
दिल्ली हिंसा में अब तक
कुल 751 एफआईआर दर्ज हुई हैं।
250 चार्जशीट दाखिल की गई हैं।
53 लोगों की मौत हुई हैं।
कुल 571 हिंदू आरोपी हैं।
जबकि 582 मुस्लिम आरोपी हैं।
घायलों की कुल संख्या 581 हैं।
दंगों में 108 पुलिसवाले भी घायल हुए।
आईबी अधिकारी समेत दो पुलिसवालों की मौत हुई थी
इन्हें बनाया गया है आरोपी
स्पेशल सेल की सबसे बड़ी जांच में जिन 15 लोगों को फिलहाल यूएपीए के तहत आरोपी बनाया गया है उनके नाम हैं, अब्दुल खालिद सैफ़ी, ताहिर हुसैन, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलिशा, सफूरा जरगर, शफ़ा उर रहमान, आसिफ इक़बाल तन्हा, शादाब अहमद, नताशा नरवाल, देवांगना कलिता, तस्लीम अहमद, सलीम मालिक, सलीम खान और अतहर खान।