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सुशील मोदी बोले, दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के लोग धैर्य का परिचय दें हम बना रहे समन्वय

सुशील मोदी बोले, दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के लोग धैर्य का परिचय दें हम बना रहे समन्वय

पूरे देश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए सभी राज्य अलग-अलग तरह का तरीका अपना रहे हैं। साथ ही लोगों को भी जागरूक कर रही है। लोगों से अपील भी की जा रही है कि वह सामाजिक दूरी का ख्याल भी रखे। जिससे कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके। अभी भी प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में है। अभी कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के बांद्रा में प्रवासी मजदूर अपने घर लौटने के लिए एक जगह इकट्ठा हो गए थे। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर उनको वापस भेजा था। इस घटना की बाद ही सियासत भी शुरू हो गया था।

अब बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जो लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं वे धैर्य का परिचय दें। सरकार उनकी मदद के लिए दूसरे राज्यों की सरकार से समन्वय बना रही है। उन्होंने बिहारीयों से अपील कि जो जहां है वही रहे और अपना धैर्य का प्रदर्शन करे। दूसरे राज्यों की स्थानीय सरकारों से समन्वय बना कर बिहार सरकार हर संभव मदद की कोशिश में जुटी हुई है। तो वहीं बिहार में रह रहे उनके परिवार वालों से भी अपील की गई है कि वे अपने परिजनों को मोबाइल से सम्पर्क कर लाॅकडाउन के दौरान घर आने की जगह जहां हैं वहीं रहने का आग्रह करे।

सहायता राशि देना वाला बिहार पहला राज्य

यह लॉकडाउन का दूसरा चरण है इसके पहले यह 14 अप्रैल को समाप्त होना था पर भारत सरकार ने कोरोना के फैलाव को देखते हुए इसे 19 दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया है। जिसके बाद अब यह 3 मई तक रहेगा। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दूसरे राज्यों में रूके बिहारियों को आर्थिक मदद देंगे। इसी के साथ ही ऐसा करने वाला बिहार पहला राज्य बन गया है। सिक्किम से लेकर दिल्ली, अंडमान, गुजरात और महाराष्ट्र में रूके 6.67 लाख प्रवासी बिहारियों के खाते में आपदा राहत कोष से 1-1 हजार रुपये भेजा जा चुका है। उन्होंने आगे बताया कि सर्वाधिक दिल्ली में 1.30 लाख, महाराष्ट्र में 72,243, पंजाब, 37,771, राजस्थान 26,849,हरियाणा में 95,999,  गुजरात 61,944, तमिलनाडु 26,312, पश्चिम बंगाल 25,181 व अंडमान निकोबार में 265 प्रवासी बिहारियों के खाते में राशि भेज दिया गया है।

अभी प्राप्त कुल आवेदन 13.26 लाख में से शेष बचे 6.59 लाख बिहारी प्रवासियों को भी शीघ्र राशि भेजी जा रही है। इसके अलावा करीब 60 हजार लोगों ने फोन कर बिहार सरकार से मदद मांगी हैं, ऐसे सभी लोगों से दुबारा सम्पर्क कर उन्हें एसएमएस भेज कर उनके बिहार स्थित बैंक खाता और आधार संख्या मांगी जा रही है। तो वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर डोर टू डोर कैंपेन की स्थिति, गेहूं की अधिप्राप्ति, एवं लॉकडाउन में रोजगार सृजन को लेकर किए जाने वाले कार्यों के संबंध में मुख्य सचिव एवं अन्य वरीय अधिकारियों के साथ गहन समीक्षा की है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि 15 अप्रैल से पैक्सों के माध्यम से शुरु हुए गेंहू की खरीद के कार्य में किसानों को कोई कठिनाई न हो। साथ ही किसानों को निर्धारित समय के अंदर राशि का भुगतान भी करे। मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव वित्त विभाग को  निर्देश  दिया है कि रोजगार सृजन से संबंधित योजनाओं के लिए राशि की कोई कमी नहीं होने दी जाए।

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