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शाहीन बाग: बंद सड़क खुलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में स्थानीय लोग  

शाहीन बाग: बंद सड़क खुलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में स्थानीय लोग  

दिल्ली का शाहीन बाग़ चर्चाओं के केंद्र में है। यहां पिछले माह से आंदोलन चल रहा है। आंदोलन के होने से दूसरा मुद्दा सड़क बंद होने का है। आंदोलनकारी सड़क पर डटे है। सड़क से आंदोलनकारियों को हटाने के लिए फ़िलहाल स्थानीय लोग न्यायालय की शरण में है।

इस मामले में अब तक न्यायालय में दो याचिकाएं डाली गई हैं। पहले सरिता विहार रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर याचिका दायर की गई थी। लेकिन इस बार याचिका सुप्रीमकोर्ट में डाली गई है।

याचिकाकर्ता अमित साहनी ने सुप्रीम कोर्ट से मामले पर जल्द सुनवाई की मांग करते हुए एक बार फिर सड़क खोलने की गुहार लगाई है। केंद्र सरकार का नागरिकता कानून लागू होने के बाद दिल्ली के शाहीन बाग़ में पिछले वर्ष के दिसंबर माह से आंदोलन चल रहा है।

शाहीन बाग़ आंदोलन के परिणाम क्या आएंगे यह तो समय ही बताएगा। लेकिन फिलहाल दिल्ली से नोएडा आने वाले यात्री बहुत परेशान है। इसी के साथ नोएडा से दिल्ली जाने वाले लोगो को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इसके साथ ही स्कूली बच्चों को अपने विधालय जाने में भी समस्याओ से दो चार होना पड़ रहा है। इसका कारण है शाहीन बाग़ के आंदोलनकारियों ने दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर धरना देना। जिसके चलते सड़क पूरी तरह बंद हो चुकी है।

हालांकि, इस मामले में न्यायालय ने भी सड़क खोलने के आदेश दिल्ली पुलिस को दिए हैं। लेकिन दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देकर फिलहाल मामले में कोई सक्रियता नहीं दिखाई है। जबकि पिछले दिनों सड़क की एक साइड को भी खोलने की कोशिशे की गई थी।

लेकिन अमन कमेटी ने जेएनयू की घटना का हवाला देते हुए पुलिस को आंदोलनकारियों की सुरक्षा की गारंटी लेने को कहा। जिसमे दिल्ली पुलिस ने हाथ खड़े कर दिए। मामला जस-का-तस है। दूसरी तरफ सड़क बंद होने वाले मामले पर अब दिल्ली में राजनीति होनी शुरू हो गई है।

इस बीच शाहीन बाग में कालिंदी कुंज के बीच की सड़क को प्रदर्शनकारियों से खाली कराने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। याचिकाकर्ता अमित साहनी ने सुप्रीम कोर्ट से मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की है. वहीं, मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बोबडे ने याचिकाकर्ता से मेंशनिंग ऑफिसर के पास जाने के लिए कहा है।

नोएडा से सरिता विहार के स्कूलों में आने-जाने वाले छात्रों को एक घंटे से डेढ़ घंटे का वक्त लेकर निकलना पड़ रहा है। इस दौरान वह भयंकर जाम से जूझते हैं और कई बार उन्हें स्कूल पहुंचने में देरी हो जाती है। लोगों का कहना है कि एक महीने से वह जाम झेल रहे हैं। अभी तक कालिंदी कुंज रोड को खोलने के लिए कुछ नहीं किया गया है।

फिलहाल बदरपुर, फरीदाबाद व दक्षिण दिल्ली से नोएडा जाने वाले ट्रैफिक को आश्रम, डीएनडी व एनएच-9 की तरफ डायवर्ट किया गया है। इस कारण से आश्रम चौक, मथुरा रोड, लाजपत नगर, डीएनडी, सनलाइट कॉलोनी, एनएच-9 पर भारी जाम लग रहे हैं। सुबह से लेकर शाम तक जाम की स्थिति बनी रहती है। खासकर पीक आवर में तो सड़कें वाहनों से इस कदर भर जाती हैं कि गाड़ियां रेंग-रेंग कर अपने गंतव्य तक पहुंच पाती हैं।

सरिता विहार रेजिडेंट्स वेलफेयर असोसिएशन की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि 15 दिसंबर से इस रोड के बंद होने के चलते स्कूली छात्रों को परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। कई छात्रों की पढ़ाई का ऐसे वक्त में नुकसान हो रहा है, जब उनकी बोर्ड परीक्षाओं में कुछ ही दिन का वक्त बचा है।

याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखते हुए वकील अमरेश माथुर ने कोर्ट में कहा कि फरवरी और मार्च में 10वीं और 12वीं की प्री-बोर्ड और बोर्ड परीक्षाएं हैं। लेकिन कालिंदी कुंड रोड बंद होने के चलते मथुरा रोड पर भारी जाम लग रहा है। इसकी वजह से छात्र स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। इससे छात्रों का करियर बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

कालिंदी कुंज रोड बंद होने से स्कूली बच्चों की काफी समस्याओं का समाना करना पड़ रहा है। नोएडा से सरिता विहार के स्कूलों में आने-जाने वाले छात्रों को एक घंटे से डेढ़ घंटे का वक्त लेकर निकलना पड़ रहा है। इस दौरान वह भयंकर जाम से जूझते हैं और कई बार उन्हें स्कूल पहुंचने में देरी हो जाती है। लोगों का कहना है कि एक महीने से वह जाम झेल रहे हैं। अभी तक कालिंदी कुंज रोड को खोलने के लिए कुछ नहीं किया गया है।

 

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