सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इतालवी मरीन केस को बंद करने के माना कर दिया और कहा है कि वो पहले पीड़ित पक्ष को सुनेगी। सुप्रीम कोर्ट ने केरल में 2012 में हुए इस मामले को लेकर साफ किया कि जब तक पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक वो इस केस बंद नहीं किया जाएगा।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एस. ए. बोबडे ने कहा कि पीड़ित परिवारों को सुने बिना कोई आदेश जारी नहीं किया जाएगा। सीजेआई ने कहा, “पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजा मिलना चाहिए। साथ ही न्यायालय ने केंद्र से कहा कि वह इतालवी मरीन मामले को बंद करने के अनुरोध संबंधी अपनी याचिका में पीड़ितों के परिजन को पक्षकार बनाकर ताजा याचिका दायर करे।”
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि इतालवी मरीनों के हाथों जान गंवाने वाले मछुआरों के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए। दूसरी तरफ इस मामले में केंद्र ने कोर्ट में कहा कि हमें इटली ने आश्वासन दिया है कि वह भारतीय मछुआरों की जान लेने के आरोपी मरीनों पर मुकदमा चलाएगा।
इटली की तरफ से अदालत में पेश हुए वकील से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें पर्याप्त मुआवजा देना होगा। इसके जवाब में वकील ने कहा, “वाजिब मुआवजा दिया जाएगा।” सीजेआई ने जिस पर कहा कि वाजिब नहीं पर्याप्त मुआवजा।
सॉलिसिटर जनरल मेहता को इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर पीड़ितों के परिवारों को मामले में शामिल करने के लिए आवेदन दायर करने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार केस वापसी के लिए ट्रायल कोर्ट में एक आवेदन दायर करने के बजाय भारत में मामले को बंद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट कैसे आ सकता हैं?
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने अर्जी दाखिल कर इतालवी मरीन केस की सुनवाई को बंद करने का अनुरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार ने कहा है, “भारत ने यूएन कन्वेंशन ऑन लॉ ऑफ द सी के फैसले को मानने का फैसला किया है, क्योंकि कोई भी अपील इसके बाद नहीं हो सकती। और ये अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता नियमों के अनुसार बाध्यकारी है। लिहाजा अदालत इस मामले में लंबित सुनवाई को बंद कर दे।”
उल्लेखनीय है कि केरल के समुद्री तट पर तकरीबन आठ साल पहले इटली के दो नौसैनिकों ने भारतीय मछुआरों की गोली मार कर हत्या कर दी थी। इस बाद ये मामला भारत की कोर्ट से होते हुए अंतरराष्ट्रीय कोर्ट तक पहुंचा था। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने हाल ही में इस मामले में आदेश पारित कर कहा था कि इटली में ही इतालवी नौसैनिकों पर केस चलेगा।