कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को घुटने के बल ला दिया है। अभी भी कई देश इसके प्रकोप से उबर नहीं पा रहे। महामारी के दौर में कई देशों की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गई थी। जिनमें भारत भी शामिल है। भारत में लॉकडाउन के दौरान लोगों को सबसे बड़ी समस्या खाने की थी। एक तरफ लोग लॉकडाउन के नियमों का पालन कर रहे थे, दूसरी तरफ लोग भूख से मर रहे थे। ऐसा नहीं था कि लोगों ने दूसरों की मदद नहीं की, जिसके पास जितना था उसने दूसरों को भी दिया। लोगों तक खाना, पानी की बोतलें और चिकित्सा तक मुहैया करवाई। इस महामारी ने सेक्स वर्कर की जिंदगी को भी काफी प्रभावित किया। उनका पूरा धंधा पूरी तरह चौपट हो चुका था। और खाने-पीने के सम्मान की दिक्कत उनके सामने आने लगी। देश के अलग-अलग राज्यों में सेक्स वर्कर काम करती है। पंरतु किसी भी राज्य सरकार ने उन्हें खाने का सम्मान नहीं मुहैया करवाया।
अब इसको लेकर कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार को चार हफ्तों में आदेश पर अमल कर वापिस जवाब देना है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ”कि चार हफ्ते का समय दिया गया था लेकिन राज्य सरकार ने अबतक कोई ठोस काम नहीं किया है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि चार हफ्ते तक बिना राशन के कोई कैसे जीवित रह सकता है”। कोर्ट ने सभी राज्यों का आदेश दिया हैं कि वह सेक्स वर्कर को सूखा राशन मुहैया करवाए ताकि वह अपना पेट भर सकें। और यह पालिसी पूरे देश में सम्मान रुप से लागू की जाएगी।
सभी राज्यों को आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि 29 सिंतबर तक इसे लागू किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि “सभी सेक्स वर्कर्स को मुफ्त राशन मुहैया कराया जाए। कोर्ट ने सभी राज्यों को 4 हफ्ते में आदेश को लागू कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है”।