देशभर के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन की वजह से फंसे प्रवासी श्रमिकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के भीतर वापस उनके घरों को भेजा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम आदेश में कहा है कि लॉकडाउन के दौरान जिन मजदूरों पर कथित रूप से उल्लंघन करने के मामले दर्ज किए गए हैं, उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत सभी मामले वापस लिए जाएं।
'Centre and states have to prepare a list for identification of migrant workers in a streamlined manner. Employment relief to be mapped out and skill-mapping to be carried out to migrant labourers', Supreme Court said in its order. https://t.co/Nt7oy2K81R
— ANI (@ANI) June 9, 2020
कोर्ट ने इसके अलावा केंद्र और राज्यों को सुव्यवस्थित तरीके से प्रवासी मजदूरों की पहचान के लिए एक सूची तैयार करने को कहा है। सरकारों से कोर्ट ने मजदूरों को स्किल मैपिंग करके रोजगार के मुद्दे पर भी राहत देने को कहा है।
मालूम हो कि मार्च के अंतिम दिनों में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने देशभर में लॉकडाउन लागू किया था, जिसे बढ़ाकर 30 जून तक कर दिया गया। हालांकि, एक जून के बाद से अनलॉक-1 को भी लागू किया गया है। लॉकडाउन के दौरान रोजगार न मिलने की वजह से लाखों की संख्या में मजदूर जहां-तहां फंस गए थे।
इसके बाद कई मजदूर पैदल ही अपने घर के लिए चल पड़े थे। हालांकि, बाद में केंद्र सरकार ने एक मई से प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया था। रेलवे ने दावा किया था कि इन ट्रेनों के जरिए से अभी तक लाखों मजदूरों को उनके घर पहुंचाया जा चुका है।