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केन्द्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, एक सप्ताह में उमर अब्दुल्ला को रिहा करेंगे या नहीं

केन्द्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, एक सप्ताह में उमर अब्दुल्ला को रिहा करेंगे या नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की रिहाई को लेकर केंद्र सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। उमर की बहन सारा अब्दुल्ला की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से कहा कि अगले सप्ताह में वे बताएं कि उमर अब्दुल्ला को रिहा किया जा रहा है या नहीं?

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार से कहा, “अगर आप उमर अब्दुल्ला को रिहा कर रहे हैं तो उन्हें जल्द रिहा कीजिए या फिर हम हिरासत के खिलाफ उनकी बहन की याचिका पर सुनवाई करेंगे।” जजों के पीठ ने कहा, “यदि आप उन्हें रिहा कर रहे हैं तो जल्द कीजिए वरना हम इस मामले की गुण-दोष के आधार पर सुनवाई करेंगे।” पीठ ने कहा कि संभवत: अगले सप्ताह हम बैठ रहे हैं और इस मामले को उस समय लिया जा सकता है।

उमर की बहन ने सारा अब्दुल्ला ने अपने याचिका में जम्मू-कश्मीर लोक सुरक्षा कानून (PSA) के तहत उमर अब्दुल्ला की नजरबंदी को चुनौती दी है। उन्होंने कहा, “मैं अपने भाई के सत्यापित फेसबुक एकाउंट की छानबीन करने पर ये देखकर हतप्रभ रह गई कि जिन सोशल मीडिया पोस्ट को उनका (उमर का) बताया गया है और दुर्भावनापूर्ण तरीके से जिसका उनके खिलाफ इस्तेमाल किया गया है, वह उनका नहीं है।”

उमर अब्दुल्ला को PSA 1978 के तहत हिरासत में रखा गया है। इसी महीने की 5 मार्च को सारा की याचिका पर शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह इस पर होली अवकाश के बाद सुनवाई करेगी। तब इस मामले को न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। पर इस मामले पर सुनवाई नहीं हो पाई थी। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा एक संविधान पीठ के मामले की सुनवाई कर रहे थे।

सारा पायलट की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया था, जिसके बाद न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने उनसे कहा था कि इस मामले को 5 मार्च को नहीं सुना जाएगा। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते उमर अब्दुल्ला के पिता फारूक अब्दुल्ला को सात महीने बाद रिहा कर दिया गया था।

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