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सुल्ली डील्स के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं में बढ़ता आक्रोश

 

सोशल मीडिया के कई फायदे हैं, लेकिन खतरे भी उतने ही ज्यादा हो चुके हैं। सोशल साइट्स या ऐप के जरिये आए दिन लड़कियों और महिलाओं को आनलाइन यौन अपराधों का शिकार बनाया जा रहा है। उन्हें गलत ढंग से पेश कर दिया जा रहा है। इस बीच एक ऐसे ही यौन अपराध की शिकार अपने देश भारत की 80 मुस्लिम महिलाएं भी हुई हैं। इन सीधी-सादी महिलाओं को जिस तरह एक एप पर गलत ढंग से पेश किया गया उसे अमानवीयता, हिंसा और क्रूरता की इंतेहा ही कहा जा सकता है। ऐप के जरिये इन महिलाओं की तस्वीरें डालकर जिस तरह इनकी नीलामी के लिए बोली लगाई गई उससे समाज में आक्रोश व्याप्त है। अन्य महिलाएं भी खौफजदा भी हैं कि कहीं ट्विटर, फेस बुक या अन्य साइट्स से कोई शरारतीतत्व उनकी फोटो चुराकर उन्हें गलत ढंग से पेश तो नहीं कर रहे हैं।

 

दरअसल, चार जुलाई को होस्टिंग प्लेटफाॅर्म ‘गिटहब’ पर एक साजिश के तहत ओपन सोर्स ऐप बनाया गया। इस ऐप में 80 मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें डालकर उनकी नीलामी की बोली लगाई गई। इन 80 महिलाओं की जानकारी ट्वीटर से ली गई है। इस ऐप में इनके नाम और ट्वीटर हैंडल भी दिये गये थे। इस ऐप में सुल्ली फाॅर सेल’ पर क्लिक करने पर एक मुस्लिम महिला की फोटो, नाम और ट्विटर हैंडल की जानकारी यूजर से साझा की जा रही थी। इस ऐप का नाम था ‘सुल्ली फॉर सेल’ (सुल्ली डील्स) सुल्ली शब्द मुस्लिम महिलाओं के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला अपमानजनक शब्द है।

गिटहब एक होस्टिंग प्लेटफार्म है। जिसमें ओपन सोर्स का भण्डार है। इसी में ऐप ‘सुल्ली डील्स’ बनाया गया था। मामला तब सामने आया जब चार जुलाई को लोगों ने ट्वीटर पर डील्स आॅफ द डे शेयर करना शुरू कर दिया। तब इन महिलाओं को पता चला कि उनके साथ क्या होरहा है। जैसे ही ट्वीटर पर इन महिलाओं की फोटो शेयर की गई इन महिलाओं ने अपना सोशल मीडिया एकाउंट  छोड़ना शुरू कर दिया। लेकिन यह अभी तक का सबसे गंभीर साइबर क्राइम सामने आया। गिटहब अपने यूजर्स को व्यक्तिगत या प्रशासनिक नामों के तहत ऐप बनाने की अनुमति तो प्रदान करता है, लेकिन सुल्ली डील्स ऐप किसने बनाया, इस पर गिटहब का बयान नहीं आया। लेकिन गिटहब ने इस ऐप की अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है।

 

इस ऐप में जिनकी तस्वीरें अपलोड की गई थी उसमें कुछ मुस्लिम महिला पत्रकार भी हैं। इस पर एडिट्र्स गिल्ड आॅफ इंडिया ने भी कड़ा ऐतराज जताया है। इससे हम बहुत चिंतित है कि मुस्लिम महिलाओं की फोटो ऑनलाइन  सेल के लिए डाली गई। सोशल मीडिया ने डील फाॅर डे वाले दिन अपमानजनक तरीके से शेयर किया है। एडिटर्स गिल्ड आॅफ इंडिया ने अपने बयान में कहा महिला आयोग के साथ-साथ कानून एजेंसियां को भी इस मुद्दे पर तत्काल एक्शन लेकर दंडित करने की मांग करता है।

कुछ पीड़ित ने दिल्ली पुलिस से इस अपराध के खिलाफ शिकायत की है। जिसके बाद साइबर सेल ने मामला दर्ज कर लिया है। पेशे से पायलट हना मोहसिन खान ने भी इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है। मैं इन कायरों को उनके किये की सजा दिलाने में दृढ़ हूं। बार-बार इन अपराधों को नहीं झेला जायेगा। मेरा अकाउंट नान-पॉलिटिकल है। मुझे मेरे धर्म और जेंडर को लेकर टारगेट किया गया है।

 

इसके बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस पर संज्ञान लेते हुये दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए इस मामले में जल्द से जल्द एफआईआर दर्ज कर दोषियों को गिरफ्तार किया जाए। इस साइबर क्राइम ने सचमुच लोगों को हैरान कर दिया है। महिलाओं को मानसिक और शारीरिक यातना देने के लिए रोज अलग-अलग तरीके निकाले जा रहे। सोचिए ये संसार बिन महिलाओं के कैसा लगेगा।

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