[gtranslate]
Country

देश में आत्महत्याओं के मामलों ने तोड़े रिकॉर्ड

बीते तीन वर्षों से कोरोना महामारी के चलते एक ओर जहां पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरम पर है वहीं दूसरी तरफ इसका असर आम लोगों के जीवन पर भी देखने को मिला है। इस महामारी के दौरान अब तक लाखों लोगों की जानें चली गई , हजारों लोगों का रोजगार भी छिन गया। ऐसे में बढ़ती महंगाई से लोगों का जीन दुष्वार हो गया है। हालत यह है कि कोरोना काल के दौरान आर्थिक तंगी के चलते लाखों लोगों ने आत्महत्या तक कर डाली।

हाल ही में आई राष्‍ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्‍यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में प्रति 10 लाख लोगों में से लगभग 120 लोगों ने आत्महत्या की है जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 6.1 फीसदी बढ़ गई है। पिछले वर्षों आए आत्महत्या के मामलों में से ये सबसे अधिक है। इस रिपोर्ट के अनुसार आत्महत्या करने वालों में छात्रों और छोटे उद्यमियों की संख्या सबसे अधिक है।

इन आंकड़ों के अनुसार साल 2021 में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 120 मौतें हुईं और आत्महत्या से कुल 1 लाख 64 हजार 33, लोगों की जान गई जिसकी संख्या 2020 में की गई आत्महत्याओं के मामलों से लगभग 7.2 प्रतिशत ज्यादा है। जो संख्या साल 2020 में लगभग 1 लाख 53 हजार 52 थी। साल 2019 में यह आंकड़ा करीब 1 लाख 39 हजार था। इससे पहले आत्महत्या के सबसे ज्यादा आंकड़े साल 2010 में सामने आए थे। जिसमें प्रति 10 लाख की जनसँख्या में 113 लोगों की मौते हुई थी।

बढ़ती आत्महत्या के कारण

 

आत्महत्या करने वालों में कम आय वर्ग वाले लोग जिनकी सालाना आय एक लाख से कम है उनकी संख्या सबसे अधिक है। इसका एक कारण कोरोनाकाल में लोगों के रोजगार पर पड़ा असर या बढ़ती महंगाई भी बताई जा रही है। कोरोना काल में पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई। छोटे -मोटे व्यापर चलाने वाले लोग जो दिन -रात कार्य करके खाने का इंतजाम करते थे या जिन्होंने सेविंग्स अधिक नहीं कर रखी थी। कोरोना काल में उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा और अधिकतर लोगों को बेरोजगारी की मार झेलनी पड़ी। इस स्थिति में मानसिक तनाव अधिक महसूस करने के कारण इस आय वर्ग के लोगों की आत्महत्या के बहुत मामले सामनेआए हैं ।

एक बड़ा हिस्सा किशोर – किशोरियों का भी है। विशेषज्ञों द्वारा इसका कारण यह भी बताया जा रहा है कि पढ़ाई के लिए बच्चों पर माता-पिता का दबाव और अच्छे रिजल्ट की उम्मीद , जो छात्रों के कौशल या हितों के अनुरूप नहीं होते। इसी दबाव में अधिकतर किशोर व किशोरियां मानसिक रूप से असहाय महसूस कर खुद को ही खत्म कर लेने का निर्णय ले लेते हैं।

महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में ये मामले सबसे अधिक मिलते हैं। वर्तमान में बड़ी नहीं बल्कि छोटी छोटी बातों पर भी आत्महत्या के मामले सामने आते हैं। जैसे- प्रेम प्रसंग को ठुकराया जाना भी इसका एक महत्वपूर्ण कारण बन गया है।
आज के इस दौर में मनुष्य जिस तरह से प्रगति की ओर बढ़ रहा है। अपनी सहनशक्ति भी खोता जा रहा है। छोटी – छोटी बात पर उत्तेजित हो जाता है। चाहे वह बात उसके घर पर हो या बाहर । यदि मनुष्य थोड़ा सा धैर्य व सहनशीलता धारण कर ले, तो उसकी जीवनलीला समाप्त होने से बच सकती है। हर हालत में मजबूत रखकर जीवन का आनन्द लेना चाहिए।

 

 

 

You may also like

MERA DDDD DDD DD
bacan4d toto
bacan4d toto
Toto Slot
slot gacor
slot gacor
slot toto
Bacan4d Login
bacan4drtp
situs bacan4d
Bacan4d
slot dana
slot bacan4d
bacan4d togel
bacan4d game
slot gacor
bacan4d login
bacantoto 4d
toto gacor
slot toto
bacan4d
bacansport
bacansport
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
slot gacor
slot77 gacor
Bacan4d Login
Bacan4d toto
Bacan4d
Bacansports
bacansports
slot toto
Slot Dana
situs toto
bacansports
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
slot gacor
bacan4d
bacan4d
bacan4d online
bandar slot
bacan4d slot toto casino slot slot gacor