देश में किसानो की आत्महत्याओं को लेकर खबरे आती रहती है। इस पर सरकार का स्पस्टीकरण भी आता रहता है। सरकार हर बार किसानो को सुविधाए देने के नए नए दावे करती रहती है। लेकिन इन दावों की पोल जब खुलती है तब फिर कोई किसान आत्महत्या कर लेता है। ऐसा ही कुछ मामला यूपी के हापुड़ में सामने आया है।
हापुड़ जनपद में गढ़ तहसील के पावटी गांव में कर्ज से परेशान एक गन्ना किसान सेंसरपाल ने फांसी लगाकर जान दे दी। किसान का शव खेत पर पेड़ से लटका हुआ मिला। पता चला है कि किसान पर करीब 3 बैंकों का 6 लाख रूपये से अधिक का कर्ज था। जिसे लेकर वह परेशान रहता था।
बताया जा रहा है कि किसान का गन्ना मिल पर 4 से 5 लाख रूपये गन्ना भुगतान बकाया था। मिल की तरफ से भुगतान किसान को नहीं दिया गया। गांववालों के अनुसार अगर समय रहते किसान को मिल से गन्ने का भुगतान मिल जाता तो शायद आज वह जिंदा होता। वहीं अब तहसील प्रशासन किसान परिवार को मदद देने की बात कह रहा है।
मामले में एसडीएम विजयवर्द्धन ने कहा कि किसान द्वारा आत्महत्या की सूचना मिलने के बाद चौकी इंचार्ज मौके पर पहुंचे थे। फ़िलहाल शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। एसडीएम ने कहा कि जांच कर रहे हैं कि आत्महत्या का कारण क्या था, और साथ ही किसान के परिवार को क्या-क्या मदद दी जा सकती है, ये देख रहे हैं। उसके परिवार को कृषक दुर्घटना बीमा आदि का लाभ देने के विषय में भी देख रहे हैं। एसडीएम ने कहा कि किसान पर कोऑपरेटिव से कर्ज लेने की जानकारी हुई है। उसकी हम जांच कर रहे हैं। चीनी मिल से बकाए की बात भी सामने आएगी तो उसका भुगतान भी हम कराएंगे।