उत्तरी पूर्वी अफ्रीका के देश सूडान में देश की सेना और अर्द्धसेना बल के बीच जारी गृहयुद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। अभी तक युद्ध के कारण 600 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, करीब 1 लाख 50 हज़ार लोग सूडान से पलायन कर चुके हैं। जबकि 7 लाख से अधिक लोग देश के भीतर ही विस्थापित हो चुके हैं।
सूडान में यह युद्ध भले ही सेनाओं के बीच चल रहा है लेकिन इसका नकारात्मक प्रभाव आम जनता को भी झेलना पड़ रहा है। जिसका सबसे अधिक प्रभाव महिलाओं पर देखने को मिल रहा है। ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी युद्ध में महिलाओं के साथ होने वाले यौन हिंसा के मामलों में तेजी से उछाल आया हो। हर युद्ध में महिलाओं का यही हाल होता है। फिर चाहे वो देश के भीतर का युद्ध हो या किसी अन्य देश के साथ। आज तक की एक रिपोर्ट के अनुसार सूडान की राजधानी खार्तूम से एक महिला अपनी बच्ची के साथ सुरक्षा की तलाश में भाग रही थी। तभी उसे अर्धसैनिक बल के एक अधिकारी ने पकड़ लिया और उसके सीने पर राइफल रख दी। इसके बाद एक पैरामिलिट्री फाइटर ने उसके साथ बलात्कार किया। जब महिला भाग रही थी तो उस समय उनके साथ उनकी छोटी बहन और दो अन्य महिलाएं भी थी जिनका बलात्कार किया गया। काफी कोशिशों के बाद सैनिकों ने उन्हें जाने दिया जिसके बाद वह उनके चंगुल से अपनी जान बचाकर भाग पाई।
महिला ने यह भी बताया इस यद्ध का महिलाओं पर दोहरा प्रभाव पड़ रहा है। एक तो आर्थिक संकट के कारण उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही, सभी लोगों का जीवन खतरे में है और दूसरा, महिलाओं के लिए उनके घर भी सुरक्षित नहीं बचे हैं। क्योंकि सैनिकों द्वारा उन्हें उनके ही घरों में योन हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है। उनके घरों में उनका रेप किया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल महीने के मध्य में सेना और अर्धसैनिक बल के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से दर्जनों महिलाओं ने घरों में, सड़क के किनारे और होटलों में इसी तरह के हमलों की जानकरी दी है।
भुखमरी का खतरा
हाल ही में हुई एक बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने निन्दा कर कहा कि सेना और अर्द्धसेना बल ने अन्तरराष्ट्रीय क़ानून की धज्जियाँ उड़ा दी है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी वोल्कर टर्क ने बताया कि। आम जनता की हालत यह है कि आने वाले दिनों में भुखमरी रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचने की सम्भावना है। बैठक के दौरान अन्य मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भी आम लोगों द्वारा भुगते जा रहे मानवाधिकार हनन की कड़ी निन्दा की, जिनमें यौन- शोषण , लिंग आधारित हिंसा, भोजन, पानी व स्वास्थ्य संसाधनों की क़िल्लत शामिल हैं।
क्यों छिड़ा गृहयुद्ध ?
सूडान में 40 हजार स्थानों पर सोने का खनन होता है। देश के 13 प्रांतों में सोने का शोधन करने वाली 60 कंपनियां हैं। साल 2017 में इन खद्दानों पर अर्धसैनिक बल आरएसएफ मिलीशिया ने कब्जा कर लिया। जनरल मोहम्मद हमदान दगालो वर्तमान में सूडान के इसी अर्ध सेना बल (आरएसफ) के प्रमुख हैं। सूडान में अक्टूबर 2021 में नागरिकों और सेना की संयुक्त सरकार का तख्तापलट हुआ था। जिसके बाद सूडान की सत्ता दो प्रमुख लोगों आरएसफ के मुखिया मोहम्मद हमदान दगालो और सेना प्रमुख अब्देल फतह अल बुरहान में बंट गई। बीते वर्ष अक्टूबर 2022 में दोनों ही सेनाओं ने सहमति बनाते हुए एक नागरिक सरकार के गठन करने की योजना बनाई। जिसमें यह तय किया गया कि सोने का सारा उत्पादन चुनी हुई सरकार को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। लेकिन जनरल मोहम्मद हमदान दगालो की बढ़ती ताक़त को देखते हुए सैन्य शासक जनरल अल बुरहान के करीबी लोगों ने अर्धसैनिक बल की गतिविधियों को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश शुरू कर दी। सेना का कहना है कि अर्धसैनिक बल सेना के अंतर्गत ही आता है इसलिए उसे सेना में शामिल कर लेना चाहिए। जिसके कारण सेना के खिलाफ जनरल दगालो का गुस्सा भड़क उठा और आरएसफ ने 15 अप्रैल 2023 को सेना के शिविरों पर हमला करना शुरू कर दिया। तब से यह मामला थम नहीं पाया है। हिंसा इतनी बढ़ गई है कि लोगों की बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं।