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तेजस्वी ने हार का ठिकरा फोड़ा चुनाव आयोग पर

तेजस्वी यादव बोले, दोनों डबल इंजन सरकार नहीं भरना चाहती गरीब मजदूरों का किराया

बिहार चुनाव में महागठबंधन को हार हाथ लगी, लेकिन आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। आरजेडी ने बिहार चुनाव में 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में दर्ज करवाई है। हालांकि मुख्यमंत्री बनने से तेजस्वी यादव चूक गए। इस हार के बाद तेजस्वी यादव ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक की। पार्टी में किन कारणों से हार मिली इस पर मंथन भी हुआ। मंथन के बाद तेजस्वी को विधायक दल का नेता बना दिया गया है।

विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद तेजस्वी ने कहा कि “मैं बिहार की जनता को धन्यवाद देता हूं। जनादेश महागठबंधन का पक्षधर था, लेकिन चुनाव आयोग का परिणाम एनडीए के पक्ष में रहा। यह पहली बार नहीं हुआ है । 2015 में जब महागठबंधन का गठन हुआ था, तब वोट हमारे पक्ष में थे लेकिन भाजपा ने सत्ता हासिल करने के लिए बैक डोर एंट्री की।”

तेजस्वी ने आगे कहा कि ”नीतीश कुमार ने बिहार के बेरोजगारों को नौकरी देने में असमर्थता जताई है। क्या बिहार के युवा सरकारी नौकरी पाने के हकदार नहीं हैं। देश में पहली बार किसी पार्टी ने अपने एजेंडे में दस लाख नौकरियां देने की बात रखी। हमलोग जल्दी ही धन्यवाद यात्रा निकालेंगे। अगर शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में सुधार नहीं हुआ तो महागठबंधन के लोग आंदोलन करेंगे। हमलोग संघर्ष करनेवाले लोग हैं। जनता की आवाज को हमेशा उठाते रहेंगे। चुनाव आयोग पर उन्होंने कहा कि सवाल उठाते हुए कहा कि बड़ी संख्या में पोस्टल बैलट क्यों रद्द कराए गए, हम मान रहे हैं कि हमें 130 सीटें मिली हैं। चुनाव आयोग वीडियो फुटेज उपलब्ध कराएं।

तेजस्वी ने वोटों की गिनती में उलटफेर का आरोप भाजपा और चुनाव आयोग  पर लागाया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मोदी लहर को कमजोर करके तेजस्वी लहर बिहार में चली थी, शायद उस लहर में कोई दम नहीं था, मोदी लहर के आगे तेजस्वी लहर कमजोर पड़ गई। धीमी गिनती के आरोपों के सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि ”सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए, अतिरिक्त 33000 मतदान केंद्रों के साथ 14 की सामान्य संख्या की तुलना में इस बार एक मतगणना डेस्क पर 7 लोग थे।”

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