जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव में शुक्रवार को 67.9 फीसदी मतदान हुआ। माना जा रहा है कि पिछले सात साल के मुकाबले इस बार सबसे ज्यादा मतदान हुआ है। पिछले साल 67.8 फीसदी मतदान हुआ था। शुक्रवार को मतदान में कुल 8,488 पंजीकृत मतदाताओं में से 5,762 छात्र-छात्रों ने मतदान किया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को छात्र संघ के चुनाव के परिणाम घोषित करने पर 17 सितंबर तक रोक लगा दी।
शुक्रवार सुबह 9.30 से दोपहर 1 बजे तक मतदान हुए। इसमें भारी संख्या में छात्र मतदान करने पहुंचे। स्कूल ऑफ सोशल साइंस, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज जैसे स्कूल में मतदान केंद्र में काफी छात्रों ने मतदान किया। ढपली के साथ पूरे जोश से सभी छात्र संगठनों के समर्थक मतदान केंद्रों के पास छात्रों को अपने उम्मीदवारों को वोट देने की अपील करते नजर आए।
वहीं 12.30 बजे के बाद जेएनयू छात्र संघ चुनाव समिति के मुख्य चुनाव आयुक्त शशांक पटेल ने दावा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के ग्रीवेंस रिड्रेसल सेल के अध्यक्ष जो स्टूडेंट वेलफेयर के डीन हैं उन्होंने मतदान केंद्र में घुसकर चुनाव प्रकिया में दखल देने की कोशिश की। यह लिंगदोह समिति की सिफारिशों और दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। हालांकि चुनाव समिति इस मामले में क्या कार्रवाई करेगी इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया।
2.30 से शाम 5.30 बजे तक दूसरे चरण में दोबारा मतदान हुआ था। जेएनयू में 9 हज़ार छात्रों ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव पद के साथ स्कूलों में 41 काउंसिलर को चुनने के लिए मतदान किया।