यूपी में अब तक तीन चरणों में चुनाव संपन्न हो चुके है। दूसरे चरण से ही इन चुनावों में भाजपा के लिए एक मुद्दा सरदर्द बनकर सामने आ गया है। वह मुद्दा है आवारा पशुओ का। किसान वर्ग आवारा पशुओ के बहुत परेशान है। फसलों को तबाह करने के साथ ही आवारा पशु किसानों पर हमला कर देते है। जिनसे उनकी असमय मौत हो जाती है। हालाँकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस समस्या की गंभीरता को समझते हुए न केवल आवारा पशुओ की समस्या को खत्म करने का वडा किया है बल्कि उनके द्वारा किये जा रहे हमले में होने वाली मौत पर 5-5 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है।

2017 के विधानसभा चुनावों में किसानो ने भाजपा को इस उम्मीद पर वोट दिया था कि वह आवारा पशुओ से उन्हें निजात दिलाएगी। लेकिन योगी सरकार अपने वादे पर पूरी तरह खरा नहीं उतरी। हालाँकि सरकार ने आवारा पशुओ के लिए आश्रय स्थल बनाने और ग्राम प्रधानो के संरक्षण में उनको रखने का प्रबंध करने की घोषणा की थी। इस एवज में कुछ धनराशि भी आवारा पशुओ के चारे के लिए देना निर्धारित किया था। लेकिन यह धनराशि बहुत कम बताई गई।
पहले भाजपा को अब सपा को देंगे वोट

लखनऊ के पास एक गांव के किसान राजबीर सिंह आवारा पशुओ पर योगी सरकार के द्वारा ठोस कार्यवाही न किये जाने नाराज है। आवारा पशुओ ने उनके 5 बीघे गेहूं में से 3 बीघे गेहूं की फसल को तबाह कर दिया। इसके अलावा दूसरे किसान योगेन्द्र भी भाजपा सरकार के खिलाफ है। योगेंद्र 20 बीघे जमीन पर खेती करते हैं। उन्होंने 10 बीघे में गेहूं, 5 बीघे में गन्ना 3 बीघे में सरसों और 2 बीघे में मसूर बोया है। वह कहते हैं कि पांच साल पहले हम सबने गौ हत्या बंद करो का नारा लगाते हुए 2017 और 2019 में बीजेपी को वोट दिया था। लेकिन इस बार हम भाजपा के खिलाफ वोट करेंगे। वह कहते है कि आसपास के किसान भी भाजपा से बेहद खफा है। जिसके चलते सभी लोग सपा को वोट देंगे।
सरकार 30 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करती है

अयोध्या में अगस्त 2020 में एक गौशाला खुली थी। इस समय वहां 102 आवारा पशु हैं। यहां के एक गांव की प्रधान रेखा तिवारी की माने तो एक औसत पशु को प्रतिदिन 5 किलो भूसा की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा उसे 1 किलो चोकर, पशु चारे, ब्रान या खली की जरूरत होती है। आज भूसा या ब्रान 16 रुपये प्रतिकिलो, चोकर 22 रुपये किलो, पशुओं का चारा 24 रुपये प्रति किलो और सरसों की खली 40-42 रुपये प्रति किलों के दर से बिक रही है। ऐसे में महज 30 रुपये में किसी पशु के केवल भूसे की जरूरत को भी पूरा नहीं किया जा सकता है। महिला प्रधान के अनुसार उनकी गौशाला में आसपास के 12 गांवों के पशु रखे जाते हैं। गौशाला के संचालन पर हर महीने करीब डेढ़ लाख रुपये का खर्च आता है। इसका आधा ही सरकार से मिल पाता है और वह भी समय पर नहीं मिलता है।
आवारा पशुओं से मौत पर अखिलेश यादव की घोषणा

आवारा पशुओ से न केवल फसल तबाह हो रही है बल्कि लोगो की मौत भी हो रही है। जब किसान अपने खेतो से आवारा पशुओ खासकर सांडो को बाहर करने के लिए जाते है तो उनपर उल्टा हमला कर दिया जाता है। इससे अब तक दर्जनों लोगो की मौत हो चुकी है। इसके चलते ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आवारा पशुओ से होने वाली मौत पर 5 – 5 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
