पश्चिमी बंगाल में ज्यों – ज्यों विधानसभा चुनावों की तारीख नजदीक आ रही है त्यों – त्यों राजनीति में हिंसा बढ़ती जा रही है। डेढ़ माह पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर टीएमसी समर्थकों ने पथराव किया था। यह घटना 10 दिसंबर की है। इसके बाद पश्चिमी बंगाल में अपराध बढ़ने को बड़ा मुद्दा बनाया गया था। तब अपराध को मुद्दा बनाकर प्रदेश में राष्ट्पति शासन लगाने तक की बाते भी होने लगी थी। फिलहाल एक बार फिर पश्चिमी बंगाल में भाजपा नेताओं के काफिले पर पत्थरबाजी हुई है।
हालात यह हो गए है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल के नेताओं के बीच पहले तीखी बयानबाजी के बाद अब राजनीति हिंसा की और बढ़ रही है। जानकारी के अनुसार कोलकाता में कल भाजपा के रोड शो पर पथराव हुआ। इस रोड शो में केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी शामिल थे। इसके बाद एक बार फिर भाजपा और टीएमसी के बीच शीतयुद्ध शुरू हो गया है।
घटना के बाद शुभेंदु अधिकारी ने ममता के समर्थकों को पाकिस्तानी करार दे दिया। उन्होंने कहा कि मिनी पाकिस्तान से आए लोग हमारी रैली पर पत्थर फेंक रहे थे। लेकिन, हमारे साथियों ने उन्हें जिस तरह खदेड़ा, वो देखने वाली बात थी। इससे मुझे मोदी जी की वो बात याद आई, जिसमें वे कहते हैं- घुस के मारा। इस पत्थर मार राजनीति के क्या परिणाम सामने आएंगे यह तो समय के गर्भ में छिपा है , लेकिन फिलहाल डर यह है कि आम आदमी टीएमसी और भाजपा की हिंसात्मक राजनीति के बीच ना पिस जाए।