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दिल्ली में महिला सुरक्षा के लिए उठाये गए कदम

 

दिल्ली में महिला सुरक्षा को लेकर एक दशक से लगातार सवाल उठ रहे हैं। वर्ष 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद दिल्ली में महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है लेकिन आज भी इस स्थिति में कोई सुधार नहीं देखे गए हैं। देश की राजधानी में महिलाओं के लिए सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बहुत से कदम उठाये गए हैं। दिल्ली में हर दिन महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की वारदातें ख़बरों की मुख्य हैडलाइन बनी हुई हैं। हालाँकि दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए काफी कदम उठाये गए हैं और कई तरह की सुरक्षा पद्धति अपनाई गई हैं लेकिन महिलाओं की स्थिति अभी भी दयनीय बनी हुई है। हालही में आये एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकार्ड्स बीयूरो) के डेटा के मुताबिक, दिल्ली में महिलाएं अभी भी सुरक्षित नहीं हैं, बल्कि उनकी स्थिति दिन-प्रतिदिन और भी खराब होती जा रही है।

 

देश की राजधानी में न केवल महिलाओं की हत्या के मामले अपितु उनके साथ योन उत्पीड़न, बलात्कार, हत्या, प्रताड़ना जैसे गंभीर मुद्दे लगातार सामने आ रहे हैं। हालही में दिल्ली में एक दस साल की बच्ची से दुष्कर्म को अंजाम दिया गया है। ऐसी घटनाओं पर ब्रेक लगाने के लिए सरकार और दिल्ली पुलिस एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है, लेकिन यह स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। इन्ही हालातों के बीच दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं वह लम्बी श्रेड़ी में आते हैं;

हेल्पलाइन नंबर 1091 की शुरुआत

सितंबर 2002 में महिला हेल्पलाइन 1091 की शुरुआत हुई थी, जिससे संकट के समय महिलाओं तक तुरंत पहुंचा जा सकता है। यह 24 घंटे कार्य करने वाली हेल्पलाइन है। बता दें कि इस हेल्पलाइन पर आने वाले सभी कॉल्स को अटेंड करने के लिए स्पेशल महिला पुलिस मोबाइल टीम को लगाया गया है। यह स्पेशल टीम 24 घंटे काम करती है।

एंटी-स्टॉकिंग सर्विस ऐप

सोशल मीडिया के द्वारा महिलाओं को स्टॉकिंग से बचाने के लिए दिल्ली पुलिस का एक स्पेशल ग्रुप काम करता है। दिल्ली पुलिस की सीपीसीआर में 24 घंटे काम करने वाला यह विशेष एंटी-स्टॉकिंग ग्रुप मामले में तत्काल कार्रवाई करने में सक्षम है।

हिम्मत प्लस ऐप

6 फरवरी 2018 दिल्ली में महिलाओं के लिए हिम्मत प्लस ऐप को बनाया गया। इस ऐप के जरिए दिल्ली की महिलाएं इमरजेंसी में तुरंत दिल्ली पुलिस से बातचीत कर उनसे मदद मांग सकती है। इस ऐप को द्विभाषी बनाया गया है।

तत्पर दिगीतक ऐप

सितंबर 2019 में दिल्ली पुलिस के द्वारा महिला सुरक्षा के लिए ‘तत्पर ऐप’ के जरिए डिजिटल पहल शुरू की गई थी। दिल्ली पुलिस की सभी वेबसाइटों और मोबाइल एप्लिकेशन को इस ऐप में शामिल किया गया है। इस ऐप में 50 से अधिक सेवाओं को एक टच के जरिए प्रयोग किया जा सकता है।

पीसीआर वैन

दिल्ली पुलिस महिलाओं के लिए स्पेशल महिला पीसीआर वैन की व्यवस्था शुरू की गई है। इस योजना के तहत चालकों से लेकर पीसीआर स्टाफ तक सभी सिर्फ महिलाएं होती हैं, जो सूचना मिलने पर महिला पीसीआर तुरंत महिलाओं की साहयता करने उसी स्थान पर पहुंच जाती हैं।

सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग

दिल्ली में वर्ष 2002 में विशेष पुलिस युनिट द्वारा महिलाओं और बच्चों के लिए आत्म-रक्षा प्रशिक्षण की शुरुआत की गई थी। इस प्रशिक्षण के तहत महिलाओं को मार्शल आर्ट की तकनीकों के प्रदर्शन और प्रशिक्षण के माध्यम से सशक्त बनाया जाता है।

शिष्टाचार योजना

शिष्टाचार योजना के तहत मनचलों और बदमाशों पर नजर रखने के लिए दिल्ली पुलिस की महिला अधिकारी सादे कपड़ों में बाजार, मेट्रो स्टेशन, सिनेमा हॉल और बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थानों पर हर समय तैनात रहती हैं। किसी भी शख्स के द्वारा अनुचित व्यवहार या छेड़छाड़ होने पर बदमाशों को पकड़ कर तत्काल कार्रवाई की जाती है।

 

पिंक बूथ

दिल्ली में महिलाओं की शिकायतों को सुनने के लिए पूरे दिल्ली में अबतक 139 पिंक बूथ बनाए गए हैं। इन बूथों पर दिल्ली पुलिस की महिलाकर्मियों को ही तैनात किया जाता है।

 

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