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लॉकडाउन में भूख से तंग आकर पंजाब के मजदूर छतों पर चढ़ कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन

लॉकडाउन में भूख से तंग आकर पंजाब के मजदूर छतों पर चढ़ कर रहे हैं विरोध-प्रदर्शन

कोरोना संकट को देखते हुए पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन जारी है। लेकिन इसका सबसे बड़ा असर देहाड़ी मजदूरों और किसानों पर पड़ा है। जहां किसान फसल तैयार होने के बावजूद वो उसे अपने घरों को नहीं ला सकते हैं वहीं दूसरी तरफ मजदूरों के फलायन के बाद भूखमरी की हालत पैदा हो गई है। बिहार, यूपी, झारखंड के मजदूरों के बाद अब पंजाब में लॉकडाउन के कारण भूखमरी की नौबत आ गई है।

पंजाब में लगातार कर्फ्यू के चलते गरीब लोगों के पास खाने को कुछ नहीं है। लोगों का आरोप है कि सरकार की ओर से भी उन तक मदद नहीं पहुंचाई जा रही है। कई जगहों पर भूख से परेशान होकर मजदूर ने छतों पर चढ़कर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। मोगा जिले के कई गांवों में एक साथ ऐसे प्रदर्शन हो रहे हैं। किसान यूनियन नेता तरसेम सिंह खुंडे ने कहा कि भागसर, भुट्टीवाला, खन्नू खुर्द, सोनके और डबरा गांव में इस तरह के विरोध दर्ज किया गया है। यहां के लोगों को राशन, दवाएं, मास्क और सैनिटाइटर की कमी का सामना है।

पंजाब खेत मजदूर यूनियन के कार्यकर्ता मेजर सिंह ने कहा, “भूमिहीन खेत मजदूरों के पास राहत सामग्री तक नहीं पहुंच रही है। और जब राहत सामग्री की मांग करते हैं तो पुलिस उनके साथ खराब व्यवहार करती है। उनके साथ मारपीट करती है। समान लेने यदि वह घर से बाहर निकलते हैं तो उन्हें पुलिस की बर्बरता का सामना करना पड़ता है। यदि हम खेतों की ओर जाते हैं तो हमें पुलिस डंडे मार कर भगा देती है। जबकि सरकार राशन बांटने की खबर दी थी। अगर ऐसा है तो वह उन तक क्यों नहीं पहुंच रहा है। इससे साफ है कि सिर्फ कागजों में ही राशन की आपूर्ति हो रही है। नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं के बीच ही राशन बांटा जा रहा है। जरूरतमंद तक यह राहत सामग्री नहीं पहुंच रही है।”

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) कार्यकर्ता अमरजीत सिंह सैदोके ने मनरेगा श्रमिकों की आर्थिक मदद के साथ-साथ उचित मूल्य की दुकानों पर राशन देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन से कई उद्योग और कंपनियां लुधियाना, मांगी, गोबिंदगढ़, मोहाली, अमृतसर और अन्य शहरों में मजदूरों को निकाल दिया गया है। क्योंकि इसमें ज्यादातर को ठेकेदार के माध्मय से रखा गया था। अब ठेकेदार उनके पैसे भी नहीं दे रहे हैं। अब ऐसे में आखिर शिकायत कहां करें?

किसानों और मजदूरों के इस विरोध-प्रदर्शन पर पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल सामने आए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार तुरंत ही सभी दलों की एक मीटिंग बुलाए। पंजाब में हालात तेजी से खराब हो रहे हैं। हालात से निपटने के लिए सरकार को चाहिए कि वह सभी दलों की एक बैठक बुलाए। वहीं सरकार के तरफ से कहा गया कि अब सरंपचों को अधिकार दिया गया कि वे भी कर्फ्यू पास जारी कर सकते हैं। इससे लोगों की समस्या कुछ हद तक कमी आएगी।

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