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लॉकडाउन के कारण अपने पिता के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचे पुत्र, भतीजे ने दी मुखाग्नि

लॉकडाउन के कारण अपने पिता के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचे पुत्र, भतीजे ने दी मुखाग्नि

कोरोना का दहशत देश के कोने-कोने में इतना फैल चुका है कि हर विदेश से आने वाले लोगों से डर लग रहा है। बिहार के बेगूसराय जिले में प्रखंड क्षेत्र के रुदौली पंचायत के भरौल गांव निवासी समाजसेवी और शिक्षक हरिश्चंद्र ईश्वर की शुक्रवार को हार्टअटैक से हो गई। हरिश्चंद्र ईश्वर के बेटे-बेटी अमेरिका में पिछले 40 वर्षों से रह रहे हैं। मौत की खबर सुनने के बावजूद उसका कोई भी बेटा-बेटी उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ।

विदेश से आने वाले लोगों से डर लग रहा है जिसके चलते अपने ही पिता के अंतिम संस्कार में कोई नहीं आ सका। भारत सरकार ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिए हैं। इसके अलावा अमेरिकी सरकार ने इस पर सहयोगात्मक रवैया अपनाए हुआ है जिसके चलते सभी उड़ाने बंद कर दी गई हैं। जब कोई नहीं आ सका तो दिवंगत हरिश्चंद्र ईश्वर के अंतिम संस्कार में मुखाग्नि उनके भतीजा पंकज ईश्वर को देनी पड़ी।

कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दी गई है। इसे संबंधित विभिन्न बिंदुओं की जानकारी लोगों को दी जा रही है। विदेश से लौटने वालों पर नजर रखने के लिए विशेष मॉनिटरिंग टीम का गठन किया गया है। विदेश से आने वाले लोगों से दूरी बनाकर रहने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही उन लोगों से यह भी कहा जा रहा है कि किसी भी गांव में अगर कोई भी व्यक्ति विदेश से आ रहा है तो उसकी सूचना प्रशासन को तत्काल दें।

कोरोना को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। विदेश से आने वाले लोगों की जांच की जा रही है। वहीं 15 दिनों तक लोगों से दूर रखा जाएगा। उनकी पहले जांच की जा रही है। इसमें सबसे अधिक रक्सौल बॉर्डर पर स्क्रीनिंग हुई है। आरपीएम प्रशांत कुमार ने बताया कि एक दिन में रक्सौल बॉर्डर पर 15 सौ अधिक लोगों की स्क्रीनिंग करने के साथ बचाव की जानकारी दी जा रही है।

ईश्वर के अंतिम संस्कार में सुभाष कुमार ईश्वर उर्फ कंगन, रामाकांत ईश्वर, संजीव ईश्वर, गौरीशंकर ईश्वर, यशवंत ईश्वर, संजीत कुमार मुन्ना, राकेश कुमार ईश्वर सहित अन्य लोग मौजूद थे। मौत की खबर सुनने के बावजूद भी एक भी पुत्र और पुत्री अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके।

नेपाल से आने वाले आठ हजार से अधिक लोगों की इंडो-नेपाल बॉर्डर पर स्क्रीनिंग की गई है। इसमें सबसे अधिक रक्सौल बॉर्डर पर स्क्रीनिंग हुई है। आरपीएम प्रशांत कुमार ने बताया कि एक दिन में रक्सौल बॉर्डर पर 15 सौ अधिक लोगों की स्क्रीनिंग करने के साथ बचाव की जानकारी दी जा रही है।

भारत में अब तक 17 लोगों की मौत हो गई है। वहीं इस बीमारी से 724 लोग संक्रमित हो चुके हैं। लॉकडाउन के तीसरे दिन भी कोरोना का कहर जारी रहा। गुरुवार को भारत में कोरोना वायरय के 88 नए मरीज मिले। जबकि इस बीमारी के कारण पिछले 24 घंटे में छह और मौतों की पुष्टि हुई है।

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