खबर आ रही है कि पिछले दिनों भ्रष्टाचार के मामलों में चिन्हित किए गए हरक सिंह रावत का मंत्री पद छिन सकता है और साथ ही राज्य मंत्री मंडल में एकमात्र महिला मंत्री रेखा आर्य के स्थान पर पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खण्डूड़ी की पुत्री रितु खण्डूड़ी को जगह मिल सकती है। निवर्तमान सरकार में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की कुर्सी पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। धन सिंह रावत का प्रमोशन भी तय हो चुका है। उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। साथ ही कई महत्वपूर्ण मंत्रालय उनके हवाले किए जायेंगे।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र सिंह रावत का इस्तीफा स्वीकार होने के साथ ही राज्य में सियासी तांडव अपने चरम पर पहुंच अब थम चुका है। आलाकमान के निर्देश पर गढ़वाल से सांसद तीरथ रावत राज्य के नए सीएम बनाए गए हैं। खबर गर्म है कि नए मंत्रिमंडल का गठन निवर्तमान सरकार के कई मंत्रियों को भारी पड़ने वाला है। पार्टी सूत्रों के अनुसार 3 खाली पड़े मंत्री पदों में खांटी भाजपाइयों के स्थान मिलेगा। यानी 12 सदस्य मंत्रिमंडल आने वाले समय में शपथ लेगा साथ ही दो या तीन निवर्तमान मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। खबर यह भी जोरों पर है इस बार मंत्रिमंडल में कांग्रेस से आए सदस्यों के मुकाबले असल भाजपा विधायक ज्यादा रहेंगे। गौरतलब है कि भाजपा में इस समय सबसे ज्यादा आक्रोश कांग्रेस से बगावत कर पार्टी में शामिल हुए उन विधायकों को लेकर है जो पिछले 4 साल से मंत्री पद पर जमे हुए हैं। यह केवल भाजपा में ही संभव है कि प्रचंड बहुमत के साथ आई पार्टी के असली और खांटी विधायक सत्ता सुख का भोग नहीं कर पा रहे हैं। निवर्तमान मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत मात्र 3 ही ओरिजिनल भाजपाई हैं। बाकी पांच मंत्रियों में सतपाल महाराज, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य और हरक सिंह रावत पिछली हरीश रावत सरकार में भी मंत्री थे और बगावत करने के बाद भाजपा सरकार में भी मंत्री बनाए गए। दूसरी तरफ त्रिवेंद्र सिंह रावत के मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री के अलावा खांटी भाजपाइयों में प्रकाश पंत, धन सिंह रावत, अरविंद पांडे और मदन कौशिक मंत्री बनाए गए थे। इनमें से प्रकाश पंत की असमय मृत्यु होने के बाद रिक्त हुआ पद अभी तक भरा नहीं गया है। अब खबर है कि चुनाव के मात्र 9 महीने पहले बनने वाले मंत्रिमंडल में पूरे 12 सदस्य होंगे जिनमें से 8 सदस्य खांटी भाजपाई होने जा रहे हैं। खबर आ रही है कि पिछले दिनों भ्रष्टाचार के मामलों में चिन्हित किए गए हरक सिंह रावत का मंत्री पद छिन सकता है और साथ ही राज्य मंत्री मंडल में एकमात्र महिला मंत्री रेखा आर्य के स्थान पर पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खण्डूड़ी की पुत्री रितु खण्डूड़ी को जगह मिल सकती है।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश समेत कई डीएम नई सरकार के शपथ ग्रहण बाद हटा दिए जायेंगे। नए मुख्यसचिव की कुर्सी या तो वर्तमान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को मिलेगी या फिर केंद्र में तैनात 1988 बैंच के वरिष्ठ आईएएस डाॅ. सुखवीर सिंह को राज्य की नौकरशाही का प्रमुख बताया जाएगा। साथ ही सबसे पहले देहरादून, अल्मोड़ा, चमोली और ऊधमसिंह नगर के डीएम हटाए जायेंगे। इतना ही नहीं त्रिवेंद्र सरकार में खासी पाॅवरफुल रहीं राधिका झा और और उनके पति नितेश झा को केंद्र के लिए अवमुक्त कर ब्यूरोक्रेसी पर नकेल डालने के संकेत दिए जायेंगे।
निवर्तमान सरकार में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की कुर्सी पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। धन सिंह रावत का प्रमोशन भी तय हो चुका है। उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। साथ ही कई महत्वपूर्ण मंत्रालय उनके हवाले किए जायेंगे। बताया जा रहा थी कि निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी धन सिंह रावत के नाम की सिफारिश पुरजोर की लेकिन उनके बेहद जूनियर होने के चलते भाजपा के अन्य दिग्गजों ने आपत्ति उठा दी। यह भी खबर आई है कि भाजपा में कुमाऊं और गढ़वाल का मुद्दा एक बार फिर से मतभेद और मनभेद में बदल गया। सूत्रों की माने तो कुमाऊं क्षेत्र के विधायकों को इस बात पर भारी आपत्ति है कि मुख्यमंत्री पद पर भाजपा आलाकमान हमेशा कुमाऊं के साथ पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाते आया है। जानकारों का दावा है कि रेस से बाहर बताए जा रहे वरिष्ठ विधायक और पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल के लिए लाॅबिंग तेज रात भर चली। कुमाऊं क्षेत्र के भाजपा नेताओं ने आलाकमान के सामने प्रस्ताव रखा कि इस बार मुख्यमंत्री कुमाऊं से और उपमुख्यमंत्री गढ़वाल से होना चाहिए। खबर यह भी आई कि यदि धन सिंह रावत का नाम का चयन होता है तो राज्य भाजपा में असंतोष की बयार थमने की बजाय और उग्र हो सकती है क्योंकि धन सिंह रावत अन्य प्रदेश भजापा नेताओं की तुलना में बेहद जूनियर है। बहरहाल त्रिवेंद्र सिंह रावत की गद्दी गई और तीरथ की ताजपोशी हो गई। अब सबसे ज्यादा हवाइयां उनके निवर्तमान कैबिनेट में शामिल सदस्यों के चेहरे पर उड़ती नजर आ रही हैं। क्योंकि लगातार इस तरह के संकेत मिलने लगे हैं इस बार का मंत्रिमंडल बहुत से नए चेहरों को समाहित किए होगा और दागी एवं निष्क्रिय छवि के मंत्रियों की पार्टी आलाकमान छुट्टी करने का मन बना चुका है। साथ ही राज्य की ब्यूरोक्रेसी पर लगाम डालने की खबरें भी गर्म हैं। सूत्रों का दावा है कि मुख्य सचिव ओमप्रकाश समेत कई डीएम नई सरकार के शपथ ग्रहण बाद हटा दिए जायेंगे। नए मुख्यसचिव की कुर्सी या तो वर्तमान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को मिलेगी या फिर केंद्र में तैनात 1988 बैंच के वरिष्ठ आईएएस डाॅ. सुखवीर सिंह को राज्य की नौकरशाही का प्रमुख बताया जाएगा। साथ ही सबसे पहले देहरादून, अल्मोड़ा, चमोली और ऊधमसिंह नगर के डीएम हटाए जायेंगे। इतना ही नहीं त्रिवेंद्र सरकार में खासी पाॅवरफुल रहीं राधिका झा और और उनके पति नितेश झा को केंद्र के लिए अवमुक्त कर ब्यूरोक्रेसी पर नकेल डालने के संकेत दिए जायेंगे।
शालीनता का मिला ईनाम
उत्तराखण्ड के अगले मुख्यमंत्री होने जा रहे तीरथ सिंह रावत की पहचान एक सरल हृदय, मृदभाषी और शालीन प्रवृत्ति के नेता की रही है। वर्तमान में पौड़ी से सांसद तीरथ सिंह रावत भाजपा के राष्ट्रीय सचिव भी हैं। 2013 से 2015 तक प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे रावत राज्य की अंतरिम सरकार में शिक्षा मंत्री रहे थे। 2019 में हुए आम चुनावों में उन्होंने पौड़ी संसदीय सीट पर अपने प्रतिद्वंद्वी मनीष खण्डूड़ी को 3.50 लाख वोटों से मात दी थी। कभी पूर्व सीएम भुवन चन्द्र खण्डूड़ी के अति विश्वस्त माने जाने वाले तीरथ सिंह रावत के प्रचार करने 2019 में जनरल खण्डूड़ी नहीं गए क्योंकि कांग्रेस के टिकट पर उनके पुत्र मनीष चुनाव लड़ रहे थे। विनम्र छवि के खांटी भाजपाई तीरथ सिंह रावत की राह बेहद कठिन रहने वाली है। यह देखा जाना दिलचस्प होगा कि चार बरस की त्रिवेंद्र सरकार से नाराज जनता के लिए तीरथ ऐसा क्या कर पाते हैं जिससे राज्य में त्रिवेंद्र रावत सरकार से उपजी नाराजगी कम हो सके।