हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसा गांव सरूरपुर कोरोना वायरस को लेकर चर्चा में है। फिलहाल यह पूरा गांव पुलिस के हवाले कर दिया गया है। सरूरपुर गांव मे पूरी तरह से कर्फ्यू लगा हुआ हैं। अभी तक गांव से 67 लोग जाँच के लिए जा चुके है। जबकि अभी और लोगों को चिकित्सा जांच के लिए भेजा जा रहा है। अभी भी कोरोना वायरस की जांच कराने के लिए सूची बन रही हैं। यह गांव उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में पडता है। फिलहाल यहां बागपत की जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने डेरा डाला हुआ है। पूरा गांव छावनी मे तब्दील हो चुका है।
जिसका डर था आखिरकार वहीं हुआ। क्योंकि गाँवों मे इस प्रकार की बीमारी आना तबाही का मंजर होता हैं। गांव सरूरपुर में यह मंज़र पैदा हुआ है विदेश से आए एक युवक की लापरवाही से। याद रहे कि कोरोना से ग्रस्त कपिल पुत्र देवेंद्र सिंह इसी माह 19 मार्च को दुबई से भारत लौटा था। 24 मार्च को सीएमओ बागपत को जानकारी मिली। इसके बाद 26 मार्च को युवक की जांच कराई गई। जिसमें कपिल की सैम्पल जांच पॉजिटिव मिली। इसके बाद परिवार के 12 सदस्यों की भी सैंपलिंग जांच के लिए भेज दिया गया है।
लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि कोरोना वायरस से प्रभावित युवक विदेश से आकर अपने घर पर आईसोलेट नहीं हुआ बल्कि वह घर घर घुमता रहा। इस दौरान वह करीब 200 से 250 लोगों के संपर्क में आया। बागपत जिले के सरूरपुर गांव में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि, लखनऊ से कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आते ही जिला प्रशासन ने सरूरपुर गांव में डेरा डाल लिया है। खुद डीएम शकुंतला गौतम ने गांव पहुंचकर लोगों से घर में रहने की अपील की है। इसके साथ ही पूरे गांव को सैनिटाइज करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। आज गांव का हर सख्श दहशत में है।
हालांकि, कोरोना वायरस जैसे लक्षण मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करते हुए जांच के लिए सैंपल लखनऊ भेज दिए थे। इसकी रिपोर्ट दो दिन पूर्व बागपत स्वास्थ्य विभाग को मिलते ही प्रशासन ही नहीं बल्कि पूरे गांव में हड़कंप मच गया। खुद डीएम और एसपी ने गांव में अनाउसमेंट करके लोगों से अपील की है। इसके साथ ही गांव में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। जिलाधिकारी शकुंतला गौतम ने बागपत के सरूरपुर गांव पहुंचकर लोगों से अपील की है कि वह घरों से बाहर न निकले और एक-दूसरे के संपर्क में भी न आएं, तभी सुरक्षित रह सकते हैं।