
गौरतलब है कि गत 24 अक्टूबर को पीड़ित छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाते हुए वीडियो वायरल कर दिया था और उसके बाद वह अपने एक मित्र के साथ दिल्ली पहुंच गई थी । इसी दौरान स्वामी चिन्मयानंद के खासमखास जो मामले को कम से कम रुपये में निपटाने में लगे थे, वह भी दिल्ली पहुंचे थे और छात्रा व संजय को लेकर राजस्थान जाने की बात कहकर निकल लिए थे ।
बताते हैं कि यहीं पर ड्राइवर ने सोची समझी रणनीति के तहत स्वामी से पांच करोड़ की रंगदारी मांगे जाने का जिक्र किया तो गाड़ी में मौजूद छात्रा और संजय व सचिन सेंगर एक दूसरे को यह दोष देने में लग गए कि मेसेज भेजने की क्या जरूरत थी, एक बार सोच तो लेते। इन सब बातों का वीडियो बनता रहा ताकि समय आने पर इस वीडियो को सामने लाने पर रंगदारी मांगने वाला केस मजबूत हो जाए।इसी दौरान छात्रा के लापता होने पर पिता के तहरीर देने के साथ मामला चर्चा में आ गया था ।
एसआईटी की जांच के दौरान जब दोनों पक्षों को यह लगा कि अब फंसने वाले हैं तो जहां स्वामी का तेल मालिश वाला वीडियो वायरल कर दिया गया गया । वहीं एक गाड़ी में बैठकर छात्रा और उसके दोस्तों का पांच करोड़ की रंगदारी मांगे जाने वाला वीडियो भी वायरल कर दिया गया। दोनों पक्ष की ओर से वीडियो सामने आ जाने से एसआईटी की जांच ने तेजी पकड़ ली और स्वामी पर शिकंजा कसता चला गया। वहीं एसआइटी का भी रंगदारी मांगने वाले मामले में संजय, विक्रम, सचिन सेंगर का भी सिकंजा कसता चला गया ।