भारतीय मूल की अमेरिकी सिरिशा बांदला(Sirisha Bandla) जल्द ही अंतरिक्ष में जाने वाली भारत में जन्मीं दूसरी महिला बन जाएंगी।साथ ही तेलुगु-भाषी पहली महिला जो अंतरिक्ष की सैर करेंगी। सिरिशा बंडला(Sirisha Bandla) आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के गुंटूर में पैदा हुई थीं। वे वर्तमान में एक प्रमुख अमेरिकी निजी अंतरिक्ष एजेंसी (US private space agency)’वर्जिन गेलेक्टिक'(virgin galactic) के लिए काम करती हैं। कंपनी की योजना अगले सप्ताह के अंत में अपना अंतरिक्ष यान लॉन्च करने की है।
पर्ड्यू विश्वविद्यालय से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट करने वाली सिरिशा (Sirisha) अंतरिक्ष (Space) में जाने वाले छह सदस्यीय दल का हिस्सा हैं। इसमें अंग्रेज़ी व्यवसायी सर रिचर्ड ब्रैनसन भी शामिल हैं, जो इस अभियान में अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेंगे। वर्जिन गेलेक्टिक(virgin galactic) ने ट्वीट किया, “पूरी तरह से रॉकेट संचालित हमारी पहली परीक्षण उड़ान 11 जुलाई को दो पायलटों और रिचर्ड ब्रैनसन सहित चार मिशन (mission) विशेषज्ञों के साथ अंतरिक्ष में जाएगी।”
Sirisha Bandla ने कहा ,अतुलनीय महसूस कर रही हूँ
सिरिशा(Sirisha) ने ट्वीट किया, “मैं यूनिटी 22 के अद्भुत दल और एक ऐसी कंपनी का हिस्सा बनकर अतुलनीय रूप से सम्मानित महसूस कर रही हूँ, जिसका मिशन अंतरिक्ष तक सभी की पहुंच करवाना है।” हालांकि, वर्तमान में वे अमेरिका में काम करती हैं लेकिन जन्म से पाँच वर्ष तक वे भारत में रही थीं।बाद में वे बेहतर अवसरों के लिए अपने परिवार के साथ अमेरिका चली गईं।
उनके पिता मुरलीधर बंडला और दादा रागैया बंडला दोनों कृषि वैज्ञानिक हैं।सिरिशा(Sirisha) के नाना ने कहा कि हमारे परिवार के सभी लोग बहुत खुश हैं, बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं। सिरिशा(Sirisha) मेरी छोटी पोती है, उसे बचपन से ही वैज्ञानिक बनने की इच्छा थी, एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, उंसके बाद एमबीए किया। बड़ी पोती भी अमेरिका में रहती है, माइक्रो एनालिस्ट के रूप में कार्यरत है, उसके पति ने पीएचडी की है, वहां काम करता है।उन्होंने कहा कि दामाद मुरलीधर साल 1989 में अमेरिका(America) चला गया, मेरी बेटी अनुराधा अपनी दो बेटियों के साथ 1990 में अमेरिका जाकर बस गए हैं. उस समय शिरिषा की उम्र करीब 4 वर्ष थी।