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दार्जिलिंग में नई सुबह के संकेत

दार्जलिंग नगरपालिका चुनाव में पहली बार चुनावी मैदान में उतरी हमरो पार्टी ने क्लीन स्विप कर, अन्य राजनीतिक पार्टियों को आश्चर्य चकित कर दिया है। हमरो पार्टी ने दार्जलिंग नगर पालिका चुनाव में कुल 32 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की है। यह बेहद अचंभित करने वाला है कि कुछ ही माह पहले बनी पार्टी ने अपना प्रभुत्व जमा लिया। हालांकि इसके अध्यक्ष ‘अजय एडवर्ड’ मात्र पांच वोट से हार गए हैं। वे वार्ड नंबर 22 से चुनावी मैदान में थे। बहरहाल हमरो पार्टी की बड़ी जीत के साथ यह स्पष्ट हो गया है कि दार्जलिंग नगर पालिका बोर्ड का गठन हमरो पार्टी ही करेगी।

यहां से दूसरी बड़ी पार्टी, अनित थापा की भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक पार्टी (भागोप्रमो) को नौ सीट, बिमल गुरुंग की गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) को तीन और हिल्स टीएमसी को दो सीट मिली है। बड़ी बात यह भी है कि यहां की लोकप्रिय पार्टी गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा (जीएनएलएफ) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक भी सीट नहीं मिली है।

वार्ड नंबर 15 में जीतकर हारी हमरो पार्टी
वार्ड नंबर 15 से हमरो पार्टी और भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक पार्टी (भागोप्रमो) के प्रत्याशियों में टाई हो गया था। दोनों ही पार्टी के प्रत्याशियों को बराबर वोट मिले थे। हालांकि परिणाम में टाई होने पर दोनों ही पार्टी के नेता व समर्थक आक्रोशित हो गए थे। काउंटिंग सेंटर पर थोड़ी देर के लिए माहौल तनावपूर्ण हो गया था। इसके बाद पीठासीन पदाधिकारी ने सभी को शांत कराया और सभी की सहमति से एक बच्चे को बुलाकर चिट उठवाया गया। बच्चे के उठाए गए चिट को खोला गया तो भागोप्रमो पार्टी के प्रत्याशी का नाम था, जिसके आधार पर उनकी जीत की घोषणा की गई।

हमरो पार्टी के बारे में

हमरो पार्टी के अध्यक्ष अजय एडवर्ड हैं। वे एक लोकप्रिय नेता व सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने डेढ़-दो महीना पहले ही पार्टी का रजिस्ट्रेशन कराया था। वे क्षेत्र में जाने-माने बिजनेसमैन भी हैं। बड़ी बात यह भी है कि यहां तृणमूल कांग्रेस पार्टी को मात्र दो सीट मिली है। बता दें कि 27 फरवरी को बंगाल के 108 नगर पालिका चुनाव हुए थे। ज्यादातर जगहों पर टीएमसी ने अपनी जीत का परचम लहराया है। मगर दार्जलिंग में हमरो पार्टी की जबरदस्त जीत ने टीएमसी पर रोक लगा दी है।

विपक्षी दलों के लिए बड़ा झटका

हमरो पार्टी की जीत को मुख्य विपक्षी दलों के साथ टीएमसी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। सत्ता में आने के बाद से ही टीएमसी यहां कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ सकी है। यही नहीं प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी जिस तरह से अहम विपक्षी दल के रूप में सामने आई है उसे भी यहां पर निराशा हाथ लगी है। माना जा रहा है कि इन नतीजों का असर गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन के चुनाव पर भी साफ दिखेगा, जो कि जल्द ही पश्चिमी बंगाल में होने वाला है। हमरो पार्टी की बात करें तो उसने इस चुनाव में 32 वार्ड पर उम्मीदवार उतारे थे, जिसमे 19 महिला उम्मीदवार थी। जिसमे मुख्य रूप से शिक्षिका, एक्टिविस्ट, टूर गाइड, सिंगल मदर, टैक्सी ड्राइवर, घर पर रहने वाले पिता और कुछ स्थानीय बेरोजगार शामिल हैं। पार्टी ने बड़े नेता जैसे बिमल गुरुंग, अनित थापा को मात दी है। हालांकि हमरो पार्टी के मुखिया अजय एडवर्ड्स भी यहां वार्ड नंबर 22 से चुनाव हार गए।

बड़े-बड़े दिग्गज हारे

यहां शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हुए, जिसमें 53 .79 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। दार्जलिंग से भाजपा के सांसद राजू बिस्ता और विधायक नीरज जिबा भी इस बार चुनाव में लोगों के घर-घर जाकर वोट मांग रहे थे। जबकि गुरुंग, थापा और एडवर्ड्स ने भी सड़क पर उतरकर चुनाव प्रचार किया था। चुनाव के अंतिम चरण में एडवर्ड की तबीयत बिगड़ गई जिसकी वजह से वह प्रचार करने के लिए बाहर नहीं निकल सके।

क्या है पार्टी के वादे?

गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले अजय एडवर्ड ने हमरो पार्टी की शुरुआत पिछले ही साल की थी। हमरो पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र की बात करें तो इसमे वादा किया गया है कि वह छात्रों को स्कॉलरशिप देगी, कोंचिंग सेंटर खोलेगी। पर्यटन को बढ़ाने के लिए रोजगार सृजन करेगी, रात्रि बाजार को बढ़ाएगी और साप्ताहिक बाजार की शुरुआत पर्यटकों के लिए करेगी।
दार्जलिंग में हमरो पार्टी की जीत को बड़े राजनीतिक बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही इसके संकेत दे दिए हैं कि जीटीए के चुनाव निकाय चुनाव के बाद होंगे। बता दें कि जीटीए के पास मुख्य रूप से प्रशासनिक, वित्तीय और कार्यकारी शक्तिया हैं। भाजपा इस क्षेत्र में 2009 से ही चुनाव जीतती आ रही है। टीएमसी यहां पर अपनी पैठ जमाने की कोशिश कर रही है। चुनाव से पहले हमरो पार्टी ने कहा था कि वह किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी और किसी महिला के हाथ में ही निकाय को चलाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।

किसे कितनी सीटें मिलीं?
हमरो पार्टी-18, भारतीय गोरखा रिपब्लिकन फ्रंट (बीजीपीएम)-8, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम)-4, तृणमूल कांग्रेस-(टीएमसी) 2। दार्जलिंग में जहां बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली वहीं को तृणमूल दो सीटें जीतकर रेस में शामिल हुई। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा को 4 सीटें मिली थी। गोरखा रिपब्लिकन फ्रंट ने 8 सीटें जीती हैं और हमरो पार्टी ने 18 सीटें पर अपना दबदबा बनाया।

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