करीब 5 साल बाद उत्तराखंड के सिडकुल में हुए घोटाले की परत दर परत पोल खुलती नजर आ रही है। यह घोटाला करोड़ों रुपए का हुआ। जिसमें सिडकुल पंतनगर और सिडकुल सितारगंज में निर्माण कार्यों में जमकर धांधले बाजी की गई।
यह घोटाला कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ। जिसमें एक भ्रष्टाचार के लिए बदनाम कंपनी को काम देने के बदले अधिकारियों को कमीशन दिया गया। बकायदा एसआईटी की रिपोर्ट और तकनीकी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है ।
यह घोटाला वर्ष 2012 से लेकर 2017 के बीच हुआ । इस दौरान उत्तराखंड में कांग्रेस के दो मुख्यमंत्रियों की सरकार रही। पहले 2 साल मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा थे। जबकि बाद के 3 साल में मुख्यमंत्री हरीश रावत रहे। इस दौरान सिडकुल के पंतनगर में सिटी पार्क बनाया गया। जहां पर उत्तर प्रदेश निर्माण निगम ने जमकर घोटाला किया। विकास कार्यों में अनियमितताएं बरती गई। गुणवत्ता के विपरीत काम किए गए ।
इस दौरान इस काम को ओके दिखाने के लिए सिडकुल के अधिकारियों को 12% तक कमीशन दिया गया। एसआईटी की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। जिसमें कहा गया है कि भ्रष्टाचार के लिए चर्चित उत्तर प्रदेश निर्माण निगम की कंपनी को सिडकुल के ठेके दिए गए। जबकि यह कंपनी पहले से ही उत्तराखंड में निर्माण कार्यों में घोटाला करने के लिए चर्चित रही। इसके बावजूद भी सिडकुल के अधिकारियों ने इस कंपनी को सिडकुल के काम दिलाएं।
सिडकुल के पंतनगर में सिटी पार्क में काम हुए। जिनमें सीसी मार्ग, चहारदीवारी और पार्क के मुख्य द्वार में निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की भारी कमी पाई गई।
एसआईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन्हीं कार्यों में कमीशन दिया गया। जबकि सितारगंज सिडकुल में उत्तर प्रदेश निर्माण निगम में सड़क, वाटर टैंक और नालियों का निर्माण किया। इस निर्माण को 3:50 करोड़ रुपए की लागत का खर्च दिखाया गया।
बकायदा सिडकुल के अधिकारियों ने दस्तावेजों और भौतिक सत्यापन में अनियमितताओं को दबा दिया। इसके बाद निर्माण कार्यों की गुणवत्ता परखने के लिए तकनीकी कमेटी बनाई गई । जिसमें यह स्पष्ट हुआ। हालांकि एसआईटी की रिपोर्ट में आरोपी अधिकारियों के नाम उजागर नहीं किए गए हैं।