केंद्र सरकार ने स्वतंत्रा सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहाँ कि नेताजी के जन्मदिन के अवसर पर कोलकाता के विक्टोरिया हॉल में भव्य कार्यक्रम भी आयोजित किया जायेगा और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘नेताजी की अदम्य भावना और राष्ट्र के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा और सम्मान को याद रखने के लिए, भारत सरकार ने देशवासियों, विशेष रूप से युवाओं को प्रेरित करने के लिए उनके 23 जनवरी को आने वाले जन्मदिवस को हर साल पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। नेताजी ने विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए देशवासियों में देशभक्ति की भावना जगाई।
वहीं, दूसरी ओर बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताया है और कहा है कि हम नेताजी की जयंती अपने अनुसार मनाएंगे। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा कि मुझे पराक्रम का सही अर्थ नहीं पता है। हो सकता है कि इसके 3-4 अर्थ हों इसलिए मैं अभी चर्चा नहीं कर सकती हूं। उन्होंने कहा कि मैं तो ‘देशनायक दिवस’ मनाऊंगी।
विपक्ष का कहना हैं की सरकार ने ऐसा फैसला चुनावी लाभ लेने के लिए लिया हैं भाजपा राज्य में चुनाव जितने की पूरी कोशिश कर रही है | वहीं ममता बनर्जी अपनी सत्ता को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रही हैं।