देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अब तक के इतिहास में बहुत बुरे दौर से गुजर रही है । जहां एक ओर केंद्र और राज्यों में उसका जनाधार लगातार सिकुड़ता जा रहा है, वहीं पार्टी के सामने अहम सवाल यह भी है कि आखिर भविष्य में पार्टी का खेवनहार कौन होगा? पार्टी अपना नेतृत्व ही तय नहीं कर पा रही है। लोकसभा चुनाव 2019 के बाद सोनिया गांधी ही अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर काम कर रही हैं। एक तरह से पार्टी को अध्यक्ष नहीं मिल पाया है। ऐसे में पार्टी की होने जा रही बैठक काफी अहम मानी जा रही है।
पार्टी में जारी वैचारिक मतभेदों के बीच उपजे घमासान को रोकने और नए अध्यक्ष के चुनाव की चुनौतियों का हल निकालने के लिए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शीर्ष नेताओं की कल 19 दिसंबर शनिवार को बैठक बुलाई है। इस बैठक में सोनिया गांधी पार्टी के 23 असंतुष्ट नेताओं से भी मुलाकात करेंगी। कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चुनाव में घमासान को थामने के लिहाज से इस पहल को बेहद अहम माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, 19 दिसंबर की बैठक में नेता साफ-साफ आगे के रोडमैप के बारे में बात कर सकते हैं, ऐसी चर्चा है कि जनवरी के दूसरे हफ्ते में पार्टी नए अध्यक्ष का चुनाव कर सकती है। इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार, 23 नेताओं के समर्थन में पार्टी के कुछ और नेता आ गए हैं और वे सोनिया गांधी से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी के अंदर शीर्ष स्तर पर नेतृत्व संकट का असर अब राज्यों तक पड़ने लगा है और फिर से पुराने विवाद सामने आने लगे हैं। राजस्थान में भी एक बार फिर सियासी संकट नए सिरे से उभरने की खबरें आने लगी हैं।
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सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी के साथ इन नेताओं की मुलाकात की भूमिका तैयार करने में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यममंत्री कमलनाथ की अहम भूमिका है और 19 दिसंबर की इस प्रस्तावित बैठक में वह भी शामिल होंगे। कमलनाथ ने कुछ दिनों पहले ही सोनिया से मुलाकात की थी। पत्र लिखने वाले नेताओं में शामिल एक नेता ने बातचीत में इसकी पुष्टि की है कि उन्हें सोनिया से मुलाकात के लिए बुलाया गया है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सोनिया से कुछ ऐसे नेता भी मिल सकते हैं, जो लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे हैं। हालांकि, वे पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में शामिल नहीं हैं।
मुलाकात के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के उपस्थित रहने को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। हालांकि, इस ताजा घटनाक्रम में प्रियंका की भी अहम भूमिका मानी जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि असंतुष्ट नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सुलह की गुंजाइश बढ़ सकती है।बता दें कि कुछ महीने पहले गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के लिए सक्रिय अध्यक्ष होने और व्यापक संगठनात्मक बदलाव करने की मांग की थी। इसे कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी नेतृत्व और खासकर गांधी परिवार को चुनौती दिए जाने के तौर पर लिया। कई नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की।
बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ प्रदेशों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद आजाद और सिब्बल ने पार्टी की कार्यशैली की खुलकर आलोचना की थी और इसमें व्यापक बदलाव की मांग की थी। इसके बाद वे फिर से कांग्रेस नेताओं के निशाने पर आ गए।
बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ प्रदेशों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद आजाद और सिब्बल ने पार्टी की कार्यशैली की खुलकर आलोचना की थी और इसमें व्यापक बदलाव की मांग की थी। इसके बाद वे फिर से कांग्रेस नेताओं के निशाने पर आ गए।