पिछले कुछ समय से बढ़ते डिजिटल क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों के लिए टेकनॉलोजी का दुरुपयोग किया जाता रहा है। इससे संबंधित आए दिन ऐसी खबरे आती रहती हैं। लेकिन इन्ही आपराधिक गतिविधियों को रोकने और इससे सुरक्षित होने के लिए गोरखपुर के कुछ इंजीनियरिंग छात्रों ने एक स्मार्ट जूते का अविष्कार किया है।
दावा किया जा रहा है कि यह स्मार्ट जूते किसी भी आपदा के समय लोगों के जीवन को सुरक्षित कर सकता है। छात्रों द्वारा इस जूते को बनाने में कई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। इस स्मार्ट शूज को बनाने वाले छात्र आदित्य सिंह का कहना है कि जो जूता बनाया है इसमें जीपीएस ट्रैकर, हार्ट बीट सेंसर, टेंपरेचर सेंसर, लगाया गया है और इसको जीएसएम मोड से कनेक्ट किया गया है। अगर कोई यह जूते पहने हुए रहता है और पैनिक सिचुएशन में आता है तो हमारे पेरेंट्स के पास और पुलिस के पास नोटिफिकेशन कॉल चली जाएगी कि बच्चा या कोई अन्य व्यक्ति किसी मुश्किल में है। वहीं इसे बनाने वाले दूसरे छात्र शुभम का कहना है कि लोगों की सुरक्षा के लिए हम लोगों ने यह जूता बनाया है। जूते की तकनीक को लेकर छात्रों ने बताया कि यदि हम लोग घबरा जाएं तो हमारा तलवा ठंडा हो जाता है। ऐसी परिस्थिति में शूज में लगे टेंपरेचर सेंसर के माध्यम से जैसे ही टेंपरेचर सेंस करेगा जीपीएस मोड में माता-पिता को कॉल चला जाएगा। इसके अलावा जीपीएस के माध्यम से बच्चों को ट्रैक भी किया जा सकता है। छात्रों के मुताबिक उनका इस स्मार्ट जूते को बनाने का मकसद देश में हो रही आपराधिक गतिविधियों को रोकना है। छात्रों के कहने अनुसार ये स्मार्ट जूता अपहरण और आपदाओं से जीवन की सुरक्षा कर सकता है। दरअसल इस जूते को पहना हुआ शख्स कहीं भी हो उसका आसानी से पता लगाया जा सकता है।