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पश्चिम बंगाल में बीजेपी को झटका, टीएमसी में लौटेंगे विश्वजीत

पश्चिम बंगाल में मार्च- अप्रैल माह में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो रहे हैं, लेकिन अब हवा का रुख दोतरफा हो चुका है। चुनाव से पहले बीजेपी को भी भारी नुकसान हो सकता है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए नेता विश्वजीत दास बीजेपी पार्टी छोड़ घर वापसी कर सकते हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि उनकी पश्चिम बंगाल के राज्य बीजेपी आलाकामान से नाराजगी चल रही है। इसी वजह से उन्होंने घरवापसी का मन बना लिया है। हालांकि विश्वजीत दास ने अभी तक इस पर कोई बयान नहीं दिया है।

लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि दास एक या दो दिन में टीएमसी में शामिल हो सकते हैं। विश्वजीत दास को रैली के मंच पर जगह न मिलने के कारण वे नाराज बताए जाते हैं। ठाकुरनगर में आयोजित केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सभास्थल के पास जाने से उन्हें रोक दिया गया था। उत्तर बनगांव के भाजपा विधायक विश्वजीत दास को मंच पर नहीं जाने दिया था। इसी वजह से दास ने प्रेस कांफ्रेंस कर वहीं सांसद शांतनु ठाकुर को जिम्मेदार बताया गया। इस घटना पर बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने बयान भी दिया है।

शांतनु ठाकुर ने विश्वजीत दास पर निशाना साधते हुए बताया कि उन्हें नहीं पता कि दास उनके खिलाफ क्यों कह रहे हैं। पहले मुख्यमंत्री से मिलने गये थे। वह तृणमूल में लौटना चाहते हैं। इसलिए वह उन पर आरोप लगा रहे हैं। विश्वजीत दास ने शांतनु ठाकुर पर आरोप लगाते हुए कहा था कि शांतनु मतुआ समाज का इस्तेमाल करके राजनीति करना चाहते हैं। पार्टी को ब्लैकमेल कर बनगांव में अलग सांगठनिक जिला कमेटी बनाई है। उन्होंने कहा कि अमित शाह की सभा में जाने के लिए पार्टी की ओर से अतिथियों के नामों की सूची भेजी गयी थी।

लेकिन शांतनु ने उस सूची को हटाकर खुद से नई लिस्ट तैयार की थी। मुख्यमंत्री से मिलने के विषय में पूछे जाने पर दास ने कहा कि ममता बनर्जी राज्य की मुख्यमंत्री हैं। उनके इलाके के विकास के विषय को लेकर मिलने गये थे। पश्चिम बंगाल के बीजेपी अधयक्ष दिलीप घोष ने पूरे मामले को गलत बताया। घोष ने कहा कि अमित शाह की रैली बीजेपी की रैली नहीं थी। ये रैली मतुआ समुदाय के तरफ से आयोजित की गई थी। इसी कारण लिस्ट में उनका नाम पार्टी नहीं आया था।

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