देश में लव जिहाद के मामलों को लेकर एक बार फिर बहसें शुरु हो चुकी है। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार लव जिहाद को रोकने के लिए धर्म स्वातंत्र्य कानून बना रही है। राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि सरकार आगामी विधानसभा सत्र में इसके लिए विधेयक लाया जाएगा। मिश्रा ने बताया कि ””धर्मांतरण, अशक्त और शून्य के लिए विवाह को जबरदस्ती, धोखाधड़ी से बाहर या किसी को लुभाने के लिए घोषित करने का प्रावधान होगा। इस अपराध को करने में सहायता करने वालों को भी अपराध का पक्षकार माना जाएगा।”
विधेयक के अन्य प्रावधानों में अंतर-विश्वास विवाह को औपचारिक रूप देने से पहले जिलाधिकारी को एक महीने पहले ही सूचित करना होगाहै। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इससे पहले अंतर-विवाह का विरोध करने वाले दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा गढ़ा गया एक शब्द “लव जिहाद” के खिलाफ एक नया कानून लाने के संकेत दिए थे । राज्य में किसी भी कीमत पर प्यार के नाम पर जिहाद की अनुमति नहीं दी जाएगी । उन्होंने कहा था, लव जिहाद के खिलाफ जरूरी कानूनी प्रावधान किए जाएंगे। हालांकि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत अगर आप किसी से प्यार करते है और शादी करना चाहते है तो आपको किसी से परमिशन लेने की आवश्यकता नहीं है।
गृहमंत्री ने आगे कहा कि ”अगर आप अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहते है तो आपको एक महीने पहले आवेदन देना होगा। कई मामलों में देखा गया है कि युवतियां स्वेच्छा से धर्मांतरण कर शादी करना चाहती है। ऐसे मामलों को देखते हुए कानून में यह भी प्रावधान होगा कि अगर कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन शादी के लिए करना चाहता है, तो उसे एक महीने पहले कलेक्टर के यहां आवेदन देना होगा। धर्मांतरण कर शादी करने के लिए कलेक्टर के यहां यह आवेदन देना अनिवार्य होगा और बिना आवेदन के अगर धर्मांतरण किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।”