प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वेबिनार के जरिये विशेपज्ञों से बातचीत की। यह वेबिनार चार दिनों तक चला। 11 अगस्त को वेबिनार के अंतिम दिन वेबिनार में विषय विशेपज्ञों ने अपने सुझाव दिए। वेबिनार में नीति आयोग के सीईओ शशिकांत दास, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु आदि विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने वीडियो कॉऩ्फ्रेसिंग के जरिये भाग लिया। नीति आयोग के सीईओ ने राज्य को नंबर वन बनाने के लिए कहा कि प्रदेश में कृषि का उत्पादन ज्यादा होता है और प्रदेश की जीडीपी में कृषि का 42 प्रतिशत हिस्सा है। परंतु कृषि पर आधारित उद्योग यहां नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पाद प्रोसेसिंग को बढ़ावा देना होगा। पर्यटन व ई-कामर्स को भी बढ़ावा देने की जररूरत है।
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि “इन सभी विशेपज्ञों द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार करने के लिए सरकार मंत्री समूह गठित करेगी, जो 25 अगस्त तक अपना ड्राफ्ट सरकार को देगी। इस ड्राफ्ट पर नीति आयोग के सदस्यों के साथ मंथन कर 31 अगस्त तक इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। आत्मनिर्भर मप्र का रोडमैप 1 सितंबर से लागू हो जाएगा। इसे पूरा करने के लिए तीन वर्ष का लक्ष्य तय किया गया है। युवाओं को रोजगार के लिए एकीकृत जॉब पोर्टल शुरु किया जाएगा। जबकि उद्योग लगाने के इच्छुक युवाओं के लिए युवा उद्यमी योजना का नए सिरे से क्रियान्वित करेंगे। हमारी कोशिश है कि हर व्यक्ति को योग्यता के अनुसार रोजगार मिले और वह इतना सक्ष्म बने कि दूसरों को रोजगार दे”।
उन्होंने आगे कहा कि ” उद्योगों की स्थापना को इतना सरल बना दिया जाएगा कि हम कह सकें, स्टार्ट यूअर बिजनेस इन 30 डेज। आउट ऑफ बजट फंड के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाई जाएगी। लोकल को वोकल बनाने का संकल्प पूरा करेंगे। प्रदेश में निमाड़, अंचल में मिर्च, मूंग वकपास, चंबल अंचल में सरसों व गजक, शाजापुर-आगर मालवा, मंदसौर व बैतूलमें संतरा, बुरहानपुर में केला उत्पादन की विशेषताएं हैं”। इनके लिए चार समूह बनाए गए हैं, जिन्हें चार वरिष्ठ मंत्रीगण लीड करेंगे। गोपाल भार्गव व अन्य मंत्री भौतिक अधोसंरचना को लीड करेंगे। नरोत्तम मिश्रा व अन्य मंत्री सुशासन समूह को, विश्वास सांरग शिक्षा व स्वास्थ्य को, जगदीश देवड़ा व अन्य मंत्री रोजगार व अर्थव्यवस्था को लीड़ करेंगे।